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विश्वकप के रैफरियों से संतुष्ट है फीफा

फुटबॉल विश्वकप टूर्नामेंट के कुछ मैचों में विवादास्पद निर्णयों की व्यापक आलोचना होने के बावजूद रैफरियों से जुड़ी फीफा की इकाई के प्रमुख जोस मार्सिया गार्सिया अरांदा अपने इन मैच अधिकारियों के काम से...

विश्वकप के रैफरियों से संतुष्ट है फीफा
एजेंसीTue, 22 Jun 2010 02:01 PM
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फुटबॉल विश्वकप टूर्नामेंट के कुछ मैचों में विवादास्पद निर्णयों की व्यापक आलोचना होने के बावजूद रैफरियों से जुड़ी फीफा की इकाई के प्रमुख जोस मार्सिया गार्सिया अरांदा अपने इन मैच अधिकारियों के काम से काफी संतुष्ट हैं।

अरांदा ने माना कि कुछ फैसले पूरी तरह सही नहीं थे लेकिन गलती होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि मैदान पर कुछ फैसले अच्छे नहीं थे लेकिन आखिरकार वे भी इंसान हैं और गलती होना स्वाभाविक है।

अरांदा ने कहा कि हम इस स्थिति में सुधार की कोशिश कर रहे हैं और हम इसके लिए रोज़ाना प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वकप के रैफरियों को अपने सबसे ज्यादा विवादित फैसलों के बारे में खिलाड़ियों और मीडिया के सामने स्पष्टीकरण नहीं देना चाहिए।
     
दक्षिण अफ्रीका में टूर्नामेंट के लिए मौजूद 30 एलीट अधिकारियों ने इस फैसले का समर्थन किया। इन 30 रैफरियों ने प्रिटोरिया में एक अभ्यास सत्र के दौरान यह बात कही जिसमें माली के कोमान कौलबाली और फ्रांस के स्टीफन लैनाय मौजूद नहीं थे।

लैनाय की काफी आलोचना की जा रही है क्योंकि वह ब्राज़ील की आइवरी कोस्ट पर 3-1 की जीत में उसके दूसरे गोल में खिलाड़ी के फुटबॉल पर हाथ छूने को नहीं देख सके और इसके बाद उन्होंने काका को दूसरा पीला कार्ड दिखा दिया। विपक्षी टीम के कादेर किएटा भागते हुए इस ब्राज़ीली मिडफील्डर से टकरा गए लेकिन फिर भी रैफरी ने काका को दूसरा पीला कार्ड दिखा दिया।
    
कौलबाली ने बीते शुक्रवार को अमेरिका को स्लोवेनिया के खिलाफ अंत में गोल का मौका नहीं दिया, जिससे अमेरिका बढ़त बना सकता था। इससे अमेरिकी खिलाड़ी भी काफी खफा थे।
इससे पहले उन्होंने रोबी फिंडले को पीला कार्ड दिखा दिया क्योंकि गेंद उनके चेहरे पर लग गई थी। इससे अमेरिका का यह फॉरवर्ड बुधवार को अल्जीरिया के खिलाफ अंतिम ग्रुप मैच में नहीं खेल पाएगा।

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