उड़ान रद्द होने या देरी पर यात्रियों को मिलेगा मुआवजा
यदि उड़ान रद्द हो जाती है, या फिर उड़ान में देरी होती है, तो अब विमान यात्रियों को इसकी भरपाई के लिए मुआवजा मिल सकता है। यदि नए नियमों को लागू किया जाता है, तो कोहरे या अन्य कोई ऐसी वजह जो एयरलाइंस...
यदि उड़ान रद्द हो जाती है, या फिर उड़ान में देरी होती है, तो अब विमान यात्रियों को इसकी भरपाई के लिए मुआवजा मिल सकता है। यदि नए नियमों को लागू किया जाता है, तो कोहरे या अन्य कोई ऐसी वजह जो एयरलाइंस के नियंत्रण के बाहर हैं, को छोड़कर अन्य मामलों में देरी के लिए विमान यात्रियों को मुआवजा मिल सकता है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने मुआवजे शर्तों पर नए नियमों का मसौदा तैयार किया है। इन नियमों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले इन पर लोगों के विचार मांगे गए हैं। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मागरें पर हवाई उड़ानों की संख्या में विस्तार को देखते हुए सरकार के लिए विमान यात्रियों के संरक्षण के मद्देनजर नियम बनाने जरूरी हैं। उड़ान में बाधा, यात्रियों को बोर्डिंग की अनुमति नहीं देने, उड़ान रद्द होने या फिर उड़ान में विलंब के मददेनजर यात्रियों को मुआवजा देने का प्रस्ताव है।
नए नियमों या नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) के बाद भारतीय विमानन कानून एयरलाइंस की जिम्मेदारी या देनदारी के मामले में मांट्रियल संधि के अनुरूप हो जाएंगे, लेकिन यदि राजनीतिक अस्थिरता या प्राकृतिक आपदा जैसे कारणों, जो एयरलाइंस के नियंत्रण के बाहर हैं, से उड़ान में देरी होती है या उड़ान रदद होती है, तो विमानन कंपनी को कोई मुआवजा नहीं देना होगा।
मसौदा सीएआर के अनुसार, यदि टिकट की कीमत मुआवजे की राशि से अधिक है, तो उसी स्थिति में वित्तीय मुआवजा दिया जाएगा। एक घंटे तक उड़ान में देरी के लिए मुआवजा 2000 रुपये या टिकट का मूल्य जो भी कम होगा, दिया जाएगा। दो घंटे के लिए मुआवजा राशि 3000 रुपये या टिकट का मूल्य जो भी कम होगा, लागू होगा। इसी तरह यदि उड़ान में दो घंटे से ज्यादा का विलंब होता है, तो मुआवजा राशि 4000 रुपये या टिकट का मूल्य, जो भी कम होगा दिया जाएगा।
ऐसे कारण जो एयरलाइंस के नियंत्रण से बाहर हैं, मसलन राजनीतिक अस्थिरता, प्राकतिक आपदा, दंगा, बाढ़, विस्फोट, सरकार का कोई आदेश या नियमन, हड़ताल और श्रम विवाद जैसी स्थितियों में ये नियम लागू नहीं होंगे। मसौदा नियमों में कहा गया है कि यदि एयर ट्रैफिक कंट्रोल, मौसम, सुरक्षा या उड़ान की स्थिति नहीं होने की वजह से उड़ान में देरी होती है, तो एयरलाइंस को कोई मुआवजा नहीं देना होगा। यदि किसी यात्री को बोर्डिंग की अनुमति नहीं दी जाती है, तो एयरलाइंस को इसके लिए उसे मुआवजा देना होगा।