बीएसएनएल कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में विनिवेश के मुद्दे को एक मंत्री समूह को स्थानांतरित किए जाने के सरकार के आश्वासन के बाद कर्मचारियों और कार्यकारियों ने मंगलवार को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस...
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में विनिवेश के मुद्दे को एक मंत्री समूह को स्थानांतरित किए जाने के सरकार के आश्वासन के बाद कर्मचारियों और कार्यकारियों ने मंगलवार को अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली।
संचार मंत्री ए.राजा ने संवाददाताओं को बताया, ''कर्मचारियों को आश्वासन दिया गया है कि विनिवेश से संबंधित मुद्दे को एक मंत्री समूह (जीएमओ) को स्थानांतरित किया जाएगा। जीएमओ बीएसएनएल में विनिवेश से संबंधित कोई निर्णय लेने से पहले राय मशविरा करेगा।''
इसके पहले तीन लाख से अधिक कर्मचारी और अधिकारी कंपनी में विनिवेश की सरकार की योजना के खिलाफ मंगलवार सुबह लगभग छह बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। इस कारण देश भर में बीएसएनएल के सभी कार्यालयों में कामकाज ठप हो गया था।
बीएसएनएल के विभिन्न संगठनों और यूनियन की संयुक्त कार्रवाई समिति के संयोजक वी. ए. एन. नंबूदरी ने कहा था, ''देश भर में बीएसएनएल के कार्यालयों में छह बजे सुबह से हड़ताल आरंभ हो गई है। जब तक सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तब तक विरोध जारी रहेगा।''
कर्मचारी संघ सैम पित्रोदा समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बीएसएनएल प्रबंधन के फैसले का विरोध कर रहा है। सिफारिशों के अनुसार कंपनी में 3० फीसदी विनिवेश और एक लाख कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की बात कही गई है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीएसएनएल के कामकाज की समीक्षा के लिए पित्रोदा समिति का गठन किया है। एचडीएएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख और टेलीकॉम सचिव पी.जी.थॉमस समिति के सदस्य हैं।
बीएसएनएल के विभिन्न संघों ने भारतीय टेलीकॉम सेवा (आईटीएस) के 1,5०० अधिकारियों को नियमित करने की भी मांग रखी है। ये सभी गत 1० वर्षो से प्रतिनियुक्ति पर हैं।