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दो नावों पर सवार अमिता पाठक

फिल्म ‘हाले दिल’ के बाद जब मैं निर्माण के क्षेत्र में उतरी तो लोगों को यह लगा कि शायद मैं अब एक्टिंग के क्षेत्र में रूचि नहीं लूंगी, पर मैं आपको बता दूं कि मेरा पहला प्यार एक्टिंग ही...

दो नावों पर सवार अमिता पाठक
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Apr 2010 01:02 PM
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फिल्म ‘हाले दिल’ के बाद जब मैं निर्माण के क्षेत्र में उतरी तो लोगों को यह लगा कि शायद मैं अब एक्टिंग के क्षेत्र में रूचि नहीं लूंगी, पर मैं आपको बता दूं कि मेरा पहला प्यार एक्टिंग ही है।

फिल्म ‘अतिथि तुम कब जाओगे’ की सफलता के बाद निर्मात्री व एक्ट्रेस अमिता पाठक की अगली फिल्म की तैयारी हो गई है। इस फिल्म के निर्देशक है प्रियदर्शन। इसमें अमिता अजय देवगन, बिपाशा बसु व अक्षय खन्ना के साथ दिखाई देंगी। अमिता का कहना है, ‘अब मेरा अच्छा समय शुरू हो गया है और इसका फायदा मैं जल्दी से जल्दी उठा लेना चाहती हूं। फिल्म का नाम हालांकि नहीं रखा गया है, पर यह जल्दी ही शुरू हो जाएगी। ’

कुमार मंगत जी की बेटी अमिता एक्टिंग के साथ-साथ निर्माण के क्षेत्र में भी किस्मत आजमा रही हैं और जल्दी ही उनकी अगली फिल्म भी फ्लोर पर जा रही है। पहली बार निर्माता के रूप में काम करने का उनका क्या अनुभव रहा? इस बारे में वह बताती है, ‘मेरे सामने बहुत सी कठिनाइयां थी। नया समझ कर हर कोई दबाव बनाये रखना चाहता था, पर स्थिति को समझते हुए मेरे पिता व अजय ने मुझे हमेशा सहायता की व हौसला बढ़ाए रखा।

एक निर्माता व एक एक्ट्रेस के रूप में उनका पहला प्यार क्या होगा? के उत्तर में वह स्पष्ट करती हैं, ‘फिल्म ‘हाले दिल’ के बाद जब मैं निर्माण के क्षेत्र में उतरी तो लोगों को यह लगा कि शायद अब मैं एक्टिंग के क्षेत्र में रुचि नहीं लूंगी, पर मैं आपको बता दूं कि मेरा पहला प्यार एक्टिंग ही है।’ 

यदि अमिता का पहला प्यार एक्टिंग है तो क्या उसने इस प्यार को सफल बनाने के लिए बचपन से ही तैयारी की थी? इस बारे में वह बताती हैं, ‘बचपन से ही मैं एक्ट्रेस बनना चाहती थी और माधुरी दीक्षित की बहुत बड़ी फैन थी। वही मेरी प्रेरणा रहीं व मैं उनकी तरह ही एक महान एक्ट्रेस बनना चाहती हूं। इसके लिए मैंने बाकायदा किशोर नमित कपूर से एक्टिंग सीखी व बाद में श्यामक डावर के यहां से नृत्य की शिक्षा ली।’ यही नहीं, अमिता ने निर्देशक के रूप में भी हाथ आजमाया है तो क्या वह निर्देशक भी बनना चाहती हैं? इस बारे में वह इस प्रकार खुलासा करती  हैं, ‘पिताजी का कहना था कि निर्माता के रूप में आने से पहले मुझे निर्माण की बारीकिया समझ लेना चाहिए, सो मैंने फिल्म ‘ओंकारा’ में निर्देशक विशाल भारद्वाज जी के साथ सहायक के रूप में काम किया था।’’

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