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कांग्रेस ने की निंदा, भाजपा को गर्व,वाम ने मांगा इस्तीफा

कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि 2002 के दंगों की जांच कर रही टीम के समक्ष उनके पेश होने से मुख्यमंत्री का पद बदनाम हुआ है, जबकि भाजपा ने मोदी की पेशी से कोई...

कांग्रेस ने की निंदा, भाजपा को गर्व,वाम ने मांगा इस्तीफा
एजेंसीSat, 27 Mar 2010 06:16 PM
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कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि 2002 के दंगों की जांच कर रही टीम के समक्ष उनके पेश होने से मुख्यमंत्री का पद बदनाम हुआ है, जबकि भाजपा ने मोदी की पेशी से कोई शर्मिन्दगी होने से इनकार किया। वहीं वाम दलों ने कहा है कि मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह अप्रत्याशित है कि किसी संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति, वह भी मुख्यमंत्री को जांचकर्ताओं ने नरसंहार के मामले में जांच के लिए बुलाया है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा में जरा सी भी नैतिकता होती तो वह ऐसे उच्च पद को बदनाम किए जाने से पहले मोदी से पद से हटने को कहती।

मोदी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के समक्ष गांधीनगर में पेश हुए। एसआईटी ने गुजरात दंगों में कथित भूमिका के लिए मोदी से पहली बार पूछताछ की है। भाजपा ने एसआईटी के समक्ष पेश नहीं होने की अटकलें लगाने के लिए मीडिया को दोषी ठहराया।

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि मीडिया ने ही ऐसा माहौल बनाया कि मोदी एसआईटी के समक्ष पेश होने के इच्छुक नहीं हैं। मोदी न्यायपालिका का सम्मान करते हैं। वह कानून और उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित संस्थाओं का पालन करते हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने कहा कि जनता की नजर में मोदी दोषी हैं। मुझे नहीं लगता कि गुजरात दंगों की जांच कर रहे एसआईटी के समक्ष पेश होकर उन्होंने कोई अजूबा काम कर दिया है।  भाजपा की एक अन्य प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने इस बात से इनकार किया कि एसआईटी के समक्ष मोदी का पेश होना पार्टी के लिए शर्मिन्दगी की बात है। मुख्यमंत्री ने गुजरात विधानसभा और सार्वजनिक रूप से कहा है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और इस दायरे में किसी राज्य का मुख्यमंत्री भी आता है।

निर्मला ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड ने एसआईटी द्वारा मोदी से पूछताछ किए जाने को महत्वपूर्ण घटनाक्रम बताया। तीस्ता ने कहा कि मोदी से पूछताछ किए जाने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो सकती है। हमें पूर्ण विश्वास है कि इस मामले में न्याय होगा।

वहीं वाम दलों ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एमके पंधे ने कहा कि मोदी का मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का अब कोई औचित्य नहीं है। नैतिक आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इसमें अब कोई शक नहीं है कि वह दोषी हैं।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उप महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि दंगों के तत्काल बाद ही मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए था। मुख्यमंत्री न केवल अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रहे बल्कि पीड़ितों को न्याय दिलाने में भी नाकाम रहे।

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