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रोक के बाद भी देर रात तक पटाखे चले

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और दिवाली पर रात 11 बजे के बाद पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद भी गुरुवार देर रात तक नोएडा में लोगों ने पटाखे जलाए।सुप्रीम कोर्ट के...

रोक के बाद भी देर रात तक पटाखे चले
हिन्दुस्तान टीम,नोएडाFri, 20 Oct 2017 09:15 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और दिवाली पर रात 11 बजे के बाद पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद भी गुरुवार देर रात तक नोएडा में लोगों ने पटाखे जलाए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए जनपद में पटाखों के गोदाम और फैक्ट्रियां सील कर दी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर और रात 11 बजे पटाखे छोड़ने पर रोक लगाई थी, इस बाद भी दिवाली पर जनपद में देर रात तक आतिशबाजी हुई। लोगों ने मुख्य रूप से रोशनी करने और तेज आवाज वाले पटाखे ही जलाए।

शाम करीब सात बजे से शुरू हुई आतिशबाजी देर रात 12 बजे के बाद भी जारी रही। रात में लोगों ने स्काई शॉट, ट्राई कलर अनार, लड़ियों का सेट, अनार बम, सुतली बम, बुलेट बम, रॉकेट, बम, फुलझड़ी, फैंसी अनार जलाए। पटाखा कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि पिछले साल का जिन लोगों पर स्टॉक था, उन्होंने ही पटाखे जलाए हैं।

गुपचुप बेचे गए पटाखे

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और जिला प्रशासन की मुस्तैदी के बाद भी शहर में विभिन्न स्थानों पर पटाखों की बिक्री हुई। हालांकि यह खुलेआम नहीं बेचे गए, लेकिन गुपचुप तरीके से इनकी बिक्री हुई है।

इस बार आतिशबाजी में कमी से 39% प्रदूषण घटा

दिवाली पर आतिशाबाजी कम होने से पिछले साल की के मुकाबले इस बार दिवाली में प्रदूषण का स्तर 39 प्रतिशत कम रहा। इसका मुख्य कारण पटाखे कम चलना बताया जा रहा है। फोनरवा अध्यक्ष एनपी सिंह के आकलन के अनुसार सेक्टरों में करीब 60 प्रतिशत पटाखे कम चलाए गए।

पटाखे कम चलने से प्रदूषण का स्तर बीती दिवाली के मुकाबले कम रहा। धीरे-धीरे और भी सुधार होने की उम्मीद है। प्रदूषण के कम रहने का एक कारण गर्म मौसम भी रहा, जिससे प्रदूषण जल्दी छंट गए।

बीबी अवस्थी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण बोर्ड, नोएडा

2016 दिवाली के दिन प्रदूषण का स्तर

तत्व : स्तर मानक

पीएम 10 : 750 100

पीएम 2.5 : 575 60

एनओ 2 : 33 40-80

सीओ : 59

ओ 3 : 110 100-180

इस बार दिवाली पर प्रदूषण का स्तर

तत्व : स्तर मानक

पीएम 10 : 458 100

पीएम 2.5 : 464 60

एनओ 2 : 22 40-80

सीओ : 50

ओ 3 : 76 100-80

नोट : प्रदूषण के आंकड़ें सरकारी एजेंसी सफर-इंडिया के अनुसार

दिवाली पर बीते तीन वर्षों का प्रदूषण

वर्ष : पीएम 10

2013 : 638

2014 : 365

2015 : 361

गांवों में बिके पटाखे

नोएडा के कई गांवों में पटाखे बिके। दिवाली से पांच दिन पहले मोरना में पटाखे बेचने शुरू हुए थे। यहां जिला प्रशासन ने रोक लगाई। धनतेरस और इसके बाद चोरी-छिपे पटाखे बिके। इसके अलावा कई लोगों के पास पिछले साल के भी पटाखे थे, जिसे उन्होंने चलाया। कई लोग ऐसे भी थे जो पटाखे लेने अपने रिश्तेदारों के यहां एनसीआर के बाहर के जिलों में गए।

अस्पतालों में मरीजों की स्थिति

इस वर्ष विभिन्न अस्पतालों में दिवाली के पटाखों से प्रभावित 40 मरीज इलाज के लिए आए। इसमें जलने वाले मरीजों की संख्या 20 है। मेट्रो अस्पताल में एक गंभीर मरीज इलाज के लिए आया। यह 30 प्रतिशत से अधिक जल गया था। अनार जलाने के दौरान यह जला। आंखों में पटाखों से प्रभावित 9 मरीज इलाज के लिए आए। जिला अस्पताल सहित अन्य अस्तपालों में भी 8-10 मरीज मामूली रूप से जलने के बाद इलाज के लिए आए। वहीं सांस के रोगी इक्का-दुक्का ही रहे। बीते वर्ष 80 से अधिक मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए आए थे।

मरीजों की स्थिति : जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र : 15-20

निजी अस्पताल : 20

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