ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR नई दिल्लीसुरक्षा इंतजाम के चलते संत रामपाल पर फैसला 29 को

सुरक्षा इंतजाम के चलते संत रामपाल पर फैसला 29 को

हरियाणा के दो बड़े मामलों पर सुनाए जाने वाले फैसले को लेकर पूरे देश की निगाहें टिकी हुईं हैं। एक ओर जहां डेरा प्रमुख राम रहीम पर साध्वी यौन शोषण मामले के आरोप में  सीबीआई कोर्ट अपना फैसला...

सुरक्षा इंतजाम के चलते संत रामपाल पर फैसला 29 को
हिन्दुस्तान लाइव टीम,नई दिल्लीThu, 24 Aug 2017 02:53 PM
ऐप पर पढ़ें

हरियाणा के दो बड़े मामलों पर सुनाए जाने वाले फैसले को लेकर पूरे देश की निगाहें टिकी हुईं हैं। एक ओर जहां डेरा प्रमुख राम रहीम पर साध्वी यौन शोषण मामले के आरोप में  सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी, वहीं अलग-अलग मामले के आरोपी सतलोक आश्रम के संचालक संत रामपाल पर भी कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक रामपाल पर आने वाले कोर्ट के फैसले को सुरक्षा कारणों से टाल दिया गया है और अब यह फैसला 29 अगस्त को सुनाया जाएगा। बुधवार को रामपाल के खिलाफ दर्ज चार एफआईआर के तहत पेशी हुई थी। कोर्ट ने दो एफआईआर पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिन दो मामलों पर गुरुवार को फैसला आना है उनमें सरकारी काम में बाधा डालने और आश्रम में लोगों को बंधक बनाने का मामला है।

रामपाल पर और भी मामले हैं दर्ज
रामपाल पर सरकारी बाधा डालने और आश्रम पर लोगों को बंधक बनाने के साथ देशद्रोह का भी मुकदमा दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि 20 नवंबर 2014 को हत्या के आरोप जब पुलिस रामपाल को गिरफ्तार करने गई तो उसके समर्थकों ने पूरे इलाके में काफी तोड़फोड़ की थी। यही नहीं जब पुलिस ने रामपाल को गिरफ्तार कर उनके आश्रम की छानबीन की जो वहां से भारी मात्रा में हथियार और करोड़ों रुपये की खाद्य सामग्री बरामद हुई थी।

कौन हैं संत रामपाल
सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में रामपाल दास का जन्म हुआ था। पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल ने हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी की। नौकरी के दौरान रामपाल की मुलाकात 107 साल के कबीरपंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज हुई। रामपाल रामदेवानंद के शिष्य बन गए। 21 मई 1995 को संत रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे। संत रामपाल के अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई। कमला देवी नाम की एक महिला ने करोंथा गांव में बाबा रामपाल दास महाराज को आश्रम के लिए जमीन दे दी। 1999 में बंदी छोड़ ट्रस्ट की सहायता से रामपाल महाराज ने सतलोक आश्रम की नींव रखी।  


 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें