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दिल्ली में हैलीकॉप्टर से बारिश का विकल्प

दिल्ली वायु प्रदूषण से जूझ रही है। ऐसे में हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज का इस्तेमाल कर कृत्रिम बारिश करने के विकल्प की मांग तेज हो गयी है.। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री नितिन...

दिल्ली में हैलीकॉप्टर से बारिश का विकल्प
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 15 Nov 2017 08:59 AM
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दिल्ली वायु प्रदूषण से जूझ रही है। ऐसे में हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज का इस्तेमाल कर कृत्रिम बारिश करने के विकल्प की मांग तेज हो गयी है.। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस विकल्प का समर्थन किया है। रक्षा जानकार मानते हैं कि दिल्ली में धूल और धुएं की चादर से निपटने के लिए हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है. अमेरिका समेत कई देशों में कृत्रिम बारिश का इस्तेमाल होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका में इसके लिए एमआई 8 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल होता है जो एक बार में 570 यूएस गैलन पानी का छिड़काव कर सकता है. इसके अलावा एटी 1002 हवाई जहाज का भी इस्तेमाल होता है जो एक बार में 1000 यूएस गैलन पानी का छिड़काव कर सकता है। इसके साथ ही इस काम में एस 2 ट्रैकर और डीजी 6 हवाई जहाज का भी इस्तेमाल होता है।

उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र 

शहर का बड़ा हिस्सा उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र आता है ऐसे में हैलीकॉप्टर से छिड़काव करना आसान नहीं है। दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली भी उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र है वहीं नई दिल्ली जिला भी उड़ान प्रतिबंधित है। एटीसी के गुरुचरन भटूरा ने कहा कि दिल्ली में यह बेहद मुश्किल है कि विमान उड़ान रोक्रकर विमानों से छिड़काव किया जाए।

यमुना नदी से कर सकते हैं छिड़काव

रक्षा जानकार का कहना है कि दिल्ली में हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज की मदद से पानी छिड़काव करना हो तो इसके लिए यमुना नदी और आसपास की झीलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। हेलीकॉप्टर और जहाज आसपास की झीलों और यमुना नदी से पानी भरकर दिल्ली के ऊपर पानी का छिड़काव कर सकते हैं।

यह है तकनीक

कृत्रिम बारिश कराने के लिए कई जगह हेलिकॉप्टर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि रॉकेट के मुकाबले यह तकनीक थोड़ी महंगी है. इसके अलावा रॉकेट तकनीक में सफलता की संभावना जहां 80 फीसदी है वहीं हेलिकॉप्टर तकनीक में कम है. कृत्रिम बारिश करवाने के लिए छोटे आकार के रॉकेट नुमा यंत्र में केमिकल भर कर आकाश में दागे जाते हैं। केमिकल आकाश में बादलों से रासायनिक क्रिया कर बारिश करता है। इस प्रयोग से सामान्य तौर पर 20 किलोमीटर के दायरे में बारिश होती है

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