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दुर्गा पंडाल में पीवी सिंधु और साक्षी मलिक की कहानी

राजधानी में 26 सितंबर से सजने वाले दुर्गा पंडालों का नजारा इस बार सबसे जुदा होगा। पंडालों में नारी शक्ति के रूप में ओलंपिक पदक विजेता पीवी पीवी सिंधु और साक्षी मलिक जैसी खिलाड़ियों की कहानियां दिखाई...

दुर्गा पंडाल में पीवी सिंधु और साक्षी मलिक की कहानी
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 22 Sep 2017 11:23 PM
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राजधानी में 26 सितंबर से सजने वाले दुर्गा पंडालों का नजारा इस बार सबसे जुदा होगा। पंडालों में नारी शक्ति के रूप में ओलंपिक पदक विजेता पीवी पीवी सिंधु और साक्षी मलिक जैसी खिलाड़ियों की कहानियां दिखाई जाएंगी। सफदरजंग एंक्लेव स्थित मैत्री मंदिर सरबोजिन दुर्गा पूजा समिति के अनुसार, इस बार उनके पंडालों को ‘नारी शक्ति की थीम पर सजाया जा रहा है। यहां मदर टरेसा, कल्पना चावला, पीटी ऊषा, मैरीकॉम, पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, साक्षी मलिक, दीपा कर्माकर, लता मंगेशकर, सुचित्रा सेन, दीपिका कुमारी, अंजलि भागवत, भारतीय महिला क्रिकेट और हॉकी टीम की खिलाड़ियों की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा। पश्चिम बंगाल से आए करीब 80 कारीगर यहां पर भव्य पंडाल का निर्माण कर रहे हैं। समिति पिछले 50 वर्षों से अपने पंडाल में विभन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त लोगों की कहानियां प्रस्तुत कर रही है। इनमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, महानायक अमिताभ बच्चन, क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण, सौरव गांगुली, मोहम्मद कैफ और वीरेंद्र सहवाग आदि शामिल हैं। पूर्णा की कहानी खासतौर पर : समिति के महासचिव देबाशीष साहा ने बताया कि इस बार पंडाल में प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में खासतौर पर तेलंगाना की आदिवासी लड़की पूर्णा को शामिल किया गया है। पूर्णा ने 13 वर्ष की उम्र में 25 मई 2014 को माउंट एवरेस्ट फतह किया था। वह ऐसा करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की थीं। सीआर पार्क में छोटा बंगाल : राजधानी में स्थित सीआर पार्क में दुर्गा पूजा के दौरान भव्य पंडाल के साथ-साथ विशाल व मनमोहक मूर्तियां देखने लायक होती हैं। हर वर्ष यहां पूजा-पाठ के अलावा शास्त्रीय संगीत, नाटक का मंचन किया जाता है जो बेहद मनमोहक होता है। भव्य पंडाल और अन्य प्रदर्शनों के लिए मशहूर सीआर पार्क दुर्गा पूजा के दौरान छोटा बंगाल नजर आता है। पश्चिम बंगाल की सुंदरता : सीआर पार्क में इस वर्ष पूजा की थीम ‘चलो जय रंगा मातिर देशे रखा गया है। यहां बंगाल की लोकप्रिय जगहों और स्थानों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। साथ ही, 29 सितंबर को कोलकाता के रॉक बैंड कैक्टस द्वारा प्रस्तुति भी दी जाएगी। प्रस्तुति : प्रशांत राय/गीतार्जुन संपादित : रामलीला में मंच बेहद ही खास नई दिल्ली। कार्यालय संवाददाता दिल्ली की रामलीलाओं में इस बार मंच की भव्यता का विशेष ध्यान रखा गया है। कहीं पर तीन मंजिला मंच तैयार किया गया है, तो कहीं पर थ्री-डी लाइट्स से जगमगाता मंच नजर आ रहा है।। तीन मंजिल ऊंचा मंच : नव श्री धार्मिक लीला कमिटी ने रामलीला के लिए मंच को बहुत ही अत्याधुनिक तरीके से बनाया है। दर्शकों को देखने के लिए मंच तीन मंजिल ऊंचा, 120 फुट लंबा और 60 फुट चौड़ा बनाया गया है। दर्शकों को लीला का दृश्य साफ दिखाई दे इसके लिए एक नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। समिति से जुड़े राहुल शर्मा ने बताया कि मंच पर कलाकारों की प्रस्तुति के दौरान उन पर एक विशेष प्रकार की रोशनी डाली जाएगी। मंच पर हल्की रोशनी रहेगी। इससे रामायण का मंचन करते कलाकार दूर से दिखाई देंगे। मंच को नई तकनीक से सजाया गया है। इसमें कई तरह की एलईडी लाइट लगाई गई हैं। मंच का पिछला हिस्सा पूरा जंगल के सेट की तरह होगा। डेढ़ सौ फुट लंबा स्टेज : श्री धार्मिक लीला के रवि जैन ने बताया कि पहले हम अशोक वाटिका वाले दृश्य में पेड़ों पर लगे फूल और फल हाथों से तैयार करते थे, लेकिन इस बार अशोक वाटिका में ताजे फल और फूल देखने को मिलेंगे। पेड़ों को तकनीक की सहायता से प्राकृतिक रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टेज पर इस बार राम और रावण के दरबार का सेट अलग से लगाया जाएगा। साथ ही, दर्शकों के लिए स्टेज के बराबर में 20 फुट के दो एलईडी स्क्रीन लगाए जाएंगे। इससे दूर से देखने वाले दर्शकों को रामलीला का दृश्य साफ दिखाई देगा। स्टेज तीन मंजिल ऊंचा और 150 फुट लंबा होगा। स्टेज पर लंका का सेट एलईडी लाइटों द्वारा इस तरह सजाया जाएगा जिससे लंका का सेट सोने की तरह चमकेगा। जनक के महल की तर्ज पर बनेगा मंच : द्वारका में होने वाली रामलीला के लिए तैयार किया गया मंच राजा जनक के स्वर्ण महल की तर्ज पर तैयार किया गया है। मंच को थ्रीडी तकनीक से बनाया गया है। हर दृश्य को आधुनिक तकनीक से निखारा जाएगा। एलईडी लाइटों का प्रयोग किया गया है। कमेटी के कार्यकारी राजेश गहलोत ने बताया कि 12 एकड़ में फैले रामलीला मैदान में नौ फुट ऊंचा और 160 फुट चौड़ा स्टेज बनाया गया है। दर्शकों को ध्यान में रखते हुए मैदान में आठ एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। स्टेज पर राम दरबार, रावण दरबार और सीता दरबार को थ्रीडी तकनीक से बनाया गया है। पर्यावरण बचाने का संदेश : राजधानी के अशोक विहार में रामलीला कराने वाली आदर्श रामलीला कमेटी ने कई थीम तैयार किए हैं। लीला के निर्देशक नितिन बत्रा ने बताया कि प्रवेश द्वारों का नाम पर्यावरण द्वार, कौशल-भारत, कुशल-भारत और बेटी बचाओ-बटी पढ़ाओ रखा गया है। इससे रामलीला देखने आने वाले दर्शकों के मन में एक संदेश भी जाएगा। कमेटी के अध्यक्ष अशोक गर्ग ने बताया कि इस वर्ष रामलीला के लिए तैयार मंच 101 फीट का होगा। विशेष रूप से एलईडी स्क्रीन व अन्य सभी आधुनिकतम तकनीक के माध्यम से लीला के दृश्यों को दिखाया जाएगा। सीता स्वयंवर में आकाश से पुष्पवर्षा, पुष्पक विमान में हरण की लीला व पंचवटी में जंगली जीवों के सजीव दृश्यों तथा लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध के दृश्यों के लिए मंच को मनमोहक रूप से लेजर लाईटों के माध्यम से वास्तविक स्वरूप प्रदान किया जाएगा। वहीं, राम लखन कमेटी पीतमपुरा में राम लीला का मंचन 30 सितंबर तक प्रति दिन नौ बजे से आरती के साथ शुरुआत किया जाएगा। कमेटी के प्रधान विजय गोयल ने बताया की हमारे पास रामलीला ग्राउंड में 6000 से ज्यादा दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है। वहीं, श्री राम धार्मिक लीला कमेटी त्रिनगर में भी मंचन होगा। इसकी जानकारी कमेटी के महामंत्री अनिल गर्ग व प्रधान राज कुमार गर्ग ने दी।

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