बिजली बचाने पर बीएसईएस सस्ती दरों का तोहफा देगी
उपभोक्ता बिजली बचाएंगे तो उनको सस्ती बिजली मिलेगी। बिजली खपत कम करने के इरादे से यह अनोखी योजना बीएसईएस ने तैयार की है। इसके तहत उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट एक रुपये तक विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। इससे...
उपभोक्ता बिजली बचाएंगे तो उनको सस्ती बिजली मिलेगी। बिजली खपत कम करने के इरादे से यह अनोखी योजना बीएसईएस ने तैयार की है। इसके तहत उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट एक रुपये तक विशेष प्रोत्साहन मिलेगा। इससे बिजली खपत रोकने के अलावा पीक ऑवर में बढ़ रही मांग भी नियंत्रित की जा सकेगी। योजना का पहला चरण 500 किलोवॉट के उपभोक्ताओं के लिए शुरू किया गया था। इस पायलट प्रोजेक्ट में दिल्ली में 17 किलोवॉट बिजली की बचत की गई है। बीएसईएस का मानना है कि बड़े उपभोक्ताओं के साथ यह प्रोजेक्ट सफल रहा है। इस मुहिम से यदि घरेलू उपभोक्ता भी जुड़ते हैं तो इससे बिजली बचत की जा सकेगी। दिल्ली में इन योजनाओं को लागू करने के लिए दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी की आवश्यकता होती है। कंपनी ने डीईआरसी के पास ही ऐसा एक मसौदा तैयार करके भेजा है। पायलट प्रोजेक्ट में 500 किलोवॉट की खपत वाले 500 उपभोक्ताओं को जोड़ा गया था। बीएसईएस रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना में शामिल होने के बाद उपभोक्ताओं ने अपने काम को पीक ऑवर में कम किया और योजना का लाभ उठाया। इसकी बदौलत गर्मियों में पीक ऑवर के दौरान बिजली कटौती से घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिली है। उपभोक्ताओं को कहा गया था कि वे गैर जरूरी उपकरणों को स्वेच्छा से बंद करें और पीक ऑवर खत्म होने के बाद अपने कार्यों को करें। इससे बिजली की मांग ज्यादा नहीं होगी।
पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद
इस योजना की मदद से पर्यावरण को बचाने की भी पहल की जा रही है। क्योंकि बिजली की खपत कम होने से कोयले को कम मात्रा में जलाया जाएगा और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी। इस तरह हानिकारक गैसें वायुमंडल में नहीं जाएंगी, जिससे हवा साफ रहेगी।
इस मॉडल से बिजली खपत कम
डिमांड रेस्पांस मॉडल से पीक ऑवर में 5-6 प्रतिशत तक की बिजली बचत की जाती है। बीएसईएस एरिया में 2 से 5 प्रतिशत बचत की जा सकती है। कंपनी का मानना है कि जागरूकता बढ़ने से इसका अधिक लाभ होगा। इस व्यवस्था को लागू करने पर 30 हजार से 75 हजार किलोवॉट तक बिजली बचाई जा सकती है।