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फर्जीवाड़ा : दिल्ली यूनिवर्सिटी में फर्जी खेल प्रमाणपत्रों से दाखिले

दिल्ली विश्वविद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे स्पोर्ट्स कोटे में दाखिले लेने की बात सामने आई है। ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के पास इस संबंध में दस्तावेज मौजूद हैं। इनसे पता चलता है कि...

फर्जीवाड़ा : दिल्ली यूनिवर्सिटी में फर्जी खेल प्रमाणपत्रों से दाखिले
नवनीत सिंह,  नई दिल्ली Sat, 16 Sep 2017 01:48 PM
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दिल्ली विश्वविद्यालय में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे स्पोर्ट्स कोटे में दाखिले लेने की बात सामने आई है। ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के पास इस संबंध में दस्तावेज मौजूद हैं। इनसे पता चलता है कि दाखिला पाने वाले कई छात्रों के पास ऐसे खेल संस्थानों के प्रमाणपत्र हैं, जो सिर्फ कागजों पर मौजूद हैं। वहीं, कई के पास ऐसे संस्थानों के प्रमाणपत्र हैं जो न तो खेल मंत्रालय से और न ही भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आइओए) से मान्यता प्राप्त हैं।

प्रतियोगिता हुई ही नहीं 
दस्तावेज के अनुसार, यूपी से आने वाले एक छात्र ने विश्वविद्यालय के कटऑफ मानकों को पूरा किया है। उसके पास ऑल उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा जारी एक सर्टिफिकेट है। उसने जूनियर ब्वॉयज की 200 मीटर की श्रेणी में कांस्य पदक जीता है। यह प्रतियोगिता बीते वर्ष बागपत जिले में होने की बात कही गई है। यूपी में खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन का अधिकार उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन के पास है। संस्था के सचिव पीके श्रीवास्तव के मुताबिक, बीते वर्ष बागपत में कोई जूनियर प्रतियोगिता हुई ही नहीं। श्रीवास्तव ने ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’से बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि यह डिग्री फर्जी है। उन्होंने कहा पिछले कुछ महीनों में सौ से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। 

संस्था मान्यता प्राप्त नहीं 
एक अन्य उम्मीदवार ने रूरल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी प्रमाण पत्र दाखिले के लिए पेश किया। यह संस्था न तो आइओए, न ही खेल मंत्रालय से ही मान्यता प्राप्त है। रूरल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव प्रदीप कटारिया ने इस बात को स्वीकार भी किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी संस्था राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन कराती है। इसमें रेसलिंग, बॉक्सिंग व एथलेटिक्स शामिल हैं।  एक अन्य उम्मीदवार जिसने चयन की प्रक्रिया को पूरा किया है। उसने उत्तराखंड स्थित रिवाला में हुई प्रतियोगिता में भाग लेने की बात कही है। उसके पास नेशनल यूथ गेम्स कमेटी ऑफ इंडिया द्वारा जारी प्रमाणपत्र है। जबकि, ऐसी सभी प्रतियोगिताएं राष्ट्रीय खेल संघ द्वारा आयोजित की जाती हैं। आधिकारिक नेशनल यूथ मीट 2016 में केरल के कोझिकोड में आयोजित की गई थी। इसका आयोजन एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा कराया गया। यहां बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने थाइलैंड के बैंकाक में आयोजित एशियन यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लिया था। 

खेल कोटे से ऐसे दाखिला 
डीयू में स्नातक पाठ्यक्रमों में खेल कोटे से दाखिले के लिए 40 प्रतिशत वेटेज प्रमाणपत्र और 60 प्रतिशत ट्रायल का लाभ मिलता है। स्पोट्र्स कोटे से आवेदन के लिए ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थी को बीते तीन वर्षों के प्रमाण पत्र अपलोड करने होते हैं। इन प्रमाणपत्रों की स्क्रीनिंग के बाद प्राथमिक ट्रायल में उन्हें बुलाया जाता है, जहां उन्हें सभी असली दस्तावेज लेकर आने होते हैं। ट्रायल के बाद चयन के आधार पर फाइनल ट्रायल लिया जाता है। फाइनल ट्रायल से ही वेटेज का प्रतिशत तय होता है। इसी प्रतिशत को शैक्षणिक योग्यता के प्रतिशत से जोड़कर उन्हें कटऑफ के आधार पर दाखिला मिलता है। 

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