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गौरैया का घर बनेगा गुरुग्राम, रेवाड़ी की तर्ज पर बनेगी हट

गुरु द्रोणाचार्य की नगर में गौरैया को संरक्षित किया जाएगा। विलुप्त हो रही गौरेया को सुरक्षित आश्रय देने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए विशेष झोपड़ी बनाई जाएंगी। ये झोपड़ियां जिले के भोंडसी और...

गौरैया का घर बनेगा गुरुग्राम, रेवाड़ी की तर्ज पर बनेगी हट
हिन्दुस्तान टीम,गुड़गांवSun, 25 Jun 2017 08:36 PM
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गुरु द्रोणाचार्य की नगर में गौरैया को संरक्षित किया जाएगा। विलुप्त हो रही गौरेया को सुरक्षित आश्रय देने और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए विशेष झोपड़ी बनाई जाएंगी। ये झोपड़ियां जिले के भोंडसी और सुल्तानपुर क्षेत्र में बनेंगी। राज्य सरकार ने गौरैया को सरंक्षित करने के लिए कुल चार झोपड़ियां बनाने का निर्णय लिया हैं। इनमें दो झोपड़ी गुरुग्राम को मिलीं है, जबकि दो रेवाड़ी में हैं। वन विभाग ने रेवाड़ी में दोनों झोपड़ियों का निर्माण कर लिया है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गुरुग्राम में बनने वाली झोपड़ी भी रेवाड़ी जैसी ही होंगी। झोपड़ी को बनाने का काम जल्द शुरू होगा। गौरतलब है कि हरियाणा वन्य प्राणी विभाग ने गोरैया प्रजनन के लिए सर्वे किया था। इसके बाद गौरैया के संरक्षण के लिए स्थानों का चयन किया गया है। शहरीकरण से घटी गौरैया गांवों से लेकर शहरों में आलीशान भवन निर्माण व तेजी से बढ़ रही मोबाइल टॉवरों की संख्या ने गोरैया पक्षी के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है, लेकिन हरियाणा वन्य प्राणी विभाग ने गोरैया के अस्तित्व को बचाने के लिए नये सिरे से पहल शुरू की है। वन्य प्राणी विभाग ने इसकी कवायद शुरू करते हुए प्रदेश के चार ऐसे स्थानों को चयनित किया है, जहां पर विभाग गोरैया प्रजनन पर पहल शुरू करने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा वन्य प्राणी विभाग ने जिला रेवाड़ी में झाबुआ और नाहड़, सुल्तानपुर नेशनल पार्क व भोंडसी के चन्द्रशेखर समृद्धि वन में ऐसे सुरक्षित स्थानों का चयन किया है, जहां पर गोरैया का प्रजनन आसानी से बढ़ सकेगा। कुछ महीने में तैयार होंगी झोपड़ियां वन्य प्राणी विभाग गोरैया के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए अब उनका आशियाना तैयार करेगा। भोंडसी के स्मृति वन में अगले कुछ माह में झोपड़ियां बनकर तैयार हो जाएंगी। अभी तक विभाग ने जिला रेवाड़ी के झाबुआ व नाहड़ में गोरैया के लिए विशेष रूप से हट तैयार की हैं, ताकि गोरैया इन झोपड़ियों में अपना आशियाना बना सकेंगी। उनके लिए पानी की झोपड़ी के अन्दर विशेष प्रबंध किए गए हैं। गोरैया के अस्तित्व को बचाने के लिए विशेष रूप से अभियान शुरू किया है, ताकि विलुप्त होती गोरैया को बचाया जा सके, जिसकी शुरुआत में जिला रेवाड़ी में झोपड़ियों का निर्माण किया है। ऐसी ही झोपड़ियां सुल्तानपुर नेशनल पार्क व भोंडसी स्थित चन्द्रशेखर समृद्धि वन में तैयार की जाएंगी। श्याम सुंदर, जिला अधिकारी (वन्य प्राणी विभाग)

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