रोडवेज बसों में लगी आग तो, बुझानी होगी मुश्किल
बस में आग लगने से बिहार के नालंदा में आठ लोगों और बठिंडा में तीन लोगों के जिंदा जल जाने की घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चिंता की बात यह है कि गुरुग्राम डिपो की...
बस में आग लगने से बिहार के नालंदा में आठ लोगों और बठिंडा में तीन लोगों के जिंदा जल जाने की घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चिंता की बात यह है कि गुरुग्राम डिपो की बसों में भी आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। शनिवार को जब गुरुग्राम डिपो की बसों का जायजा लिया तो कुछ इस तरह की तस्वीरें सामने आईं। गुरुग्राम से जींद जाने वाली बस में चालक सीट के पास अग्निशमक सिलेंडर का बॉक्स तो लगा था, लेकिन सिलेंडर की जगह यहां पर पानी की बोतल रखी मिली। हिसार जाने के लिए तैयार बस में अग्निशमक सिलेंडर लगा तो मिला, लेकिन इसका प्रेशर इतना कम था कि इसके चलने पर संदेह था। इस पर एक्सपायरी डेट पढ़ पाना भी मुश्किल था। यही हालात ज्यादातर बसों में मिले। कुछ बसों में तो फर्स्ट एड बॉक्स भी महज खानापूर्ति के तौर पर लगा दिखाई दिया। पड़ताल में सामने आया कि गुरुग्राम डिपो की ज्यादातर बसों में आग की घटना से निपटने के इंतजाम शून्य हैं। लग चुकी है बसों में आग गुरुग्राम डिपो की लो फ्लोर बस (नंबर 8771) में 13 मई को आग लग गई थी। परिचालक मनीष ने इंजन से धुआं उठते देखा तो तुरंत बस रुकवा दी। इसके बाद आसपास के लोगों की मदद से बाल्टियों में पानी भरकर आग पर काबू पाया गया। अगर ऐसी घटना लंबे रूट पर हो जाए, जहां मदद को कोई न हो तो क्या हालात बनेंगे, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या कहती हैं यूनियनें हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन (इंटक) के प्रधान संदीप दलाल और उपप्रधान श्यामलाल का कहना है कि पिछले माह भी एक लो-फ्लोर बस में आग लगी थी। उस वक्त भी चालक-परिचालक की सूझबूझ से ही हादसा टला था। बसों में अग्निशमक सिलेंडरों की स्थिति बेहद खराब है। सभी बसों में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए। जल्द ही डिपो प्रबंधन को ज्ञापन सौंप कर इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। -- मैंने आज ही कार्यभार संभाला है। आपातकालीन घटनाओं में बचाव को लेकर चालक-परिचालकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। बसों के भीतर अग्निशमक यंत्रों की जांच कराई जाएगी। सुनिश्चित कराया जाएगा कि सभी प्रबंध तय मापदंडों के अनुरूप हों। दलबीर सिंह, महाप्रबंधक, गुरुग्राम डिपो