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मुख्य सीवर लाइन की सफाई का काम दो महीने के लिए बंद

शहर के लोगों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से अभी निजात नहीं मिलेगी। पिछले 10 साल से बंद पड़ी शहर की बड़ी सीवर लाइन को खोलने का काम बंद हो गया है। गर्मी के कारण सीवर लाइन में गैस ज्यादा बनने के कारण अब यह...

मुख्य सीवर लाइन की सफाई का काम दो महीने के लिए बंद
Center,DelhiThu, 25 May 2017 07:52 PM
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शहर के लोगों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से अभी निजात नहीं मिलेगी। पिछले 10 साल से बंद पड़ी शहर की बड़ी सीवर लाइन को खोलने का काम बंद हो गया है। गर्मी के कारण सीवर लाइन में गैस ज्यादा बनने के कारण अब यह कार्य बरसात के दिनों में किया जाएगा। शहर में करीब 30 साल पहले संजयनगर फ्लाईओवर के पास से डूंडाहेडा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉट के लिए 14 किलोमीटर लंबी बड़ी लाइन बिछाई गई थी। इस लाइन में गोविंदपुरम को छोडकर पूरे शहर का सीवर डाला जाता है। पिछले एक दशक से यह लाइन जगह-जगह से बंद हो गई, जिसके कारण पूरे शहर में सीवर ओवरफ्लो की समस्या बनी हुई है। इस लाइन को साफ करने के लिए अमृत योजना से 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। पिछले वर्ष दिसंबर में इसकी सफाई का काम शुरू किया गया। पहले डूंडाहेडा एसटीपी से एनएच-24 तक करीब सवा किलोमीटर की लाइन को साफ किया गया। काम करने के लिए कंपनी ने नाला पूरी तरह बंद कर दिया, जबकि नियमानुसार इसको बाइपास करना था। इससे विजयनगर क्षेत्र में जलभराव की स्थिति पैद हो गई, जिसके बाद निगम के अधिकारियों ने बंद लाइन को खुलवा दिया। इस लाइन को साफ करने के साथ इसमें पीवीसी कोटिंग करनी थी। कार्य कर रही कंपनी का कहना है कि गर्मी ज्यादा होने के कारण सीवर लाइन में गैस ज्यादा बन रही है। इससे काम करना मुश्किल है। इसके चलते कंपनी ने अब यह काम बरसात तक के लिए बंद कर दिया है चार चरणों में होनी है सफाई 1-डूंडाहेडा एसटीपी से एनएच-24 तक 1200 मीटर तक लाइन की सफाई। 2-एनएच-24 से मेरठ रोड तक पांच किलोमीटर तक लाइन की सफाई। 3-एनएच-24 से कार्बन फैक्टरी तक, विवेकानंद नगर, हापुड़ चुंगी होते हुए संजयनगर फ्लाईओवर तक छह किलोमीटर तक लाइन की सफाई। 4-विवेकानंदनगर से आरडीसी तक दो किलोमीटर तक लाइन की सफाई। पौने दो करोड़ खर्च, सीवर फिर भी सीधे हिंडन में डूंडाहेडा में नगर निगम दो एसटीपी चलाता है। एक 73 एमएलडी का और दूसरा 56 एमएलडी क्षमता का है। नगर निगम की जलकल महाप्रबंधक मंजू गुप्ता ने बताया कि 73 एमएलडी से 40 एमएलडी और 56 एमएलडी से 30 एमएलडी तक सीवर संसोधित किया जा रहा है। इन दोनों प्लॉट को चलाने में सालाना एक करोड़ 80 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। इतना खर्च होने के बावजूद 60 एमएलडी सीवरेज सीधे नालों के जरिए हिडंन नहीं में जा रहा है। ---- कंपनी को सीवरेज को बाइपास करके बीच के भाग की सफाई करनी थी। लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया, जिससे पूरे शहर का सीवर जाम हो गया। इसको खुलवा दिया गया है। सफाई के साथ इसमें विशेष पीवीसी कोटिंग करनी हैं जो गर्मी में नहीं हो सकती। इस कारण अब यह कार्य दो माह के बाद शुरू होगा। -आरके यादव, अधिशासी अभियंता, जलकल निगम निगम

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