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सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश को नोटिस

जमानत मंजूर करने के बाद महिला को एक माह तक अभिरक्षा में रखने का आरोप गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश से छह हफ्ते में जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा इलाहाबाद विदि संवाददाता इलाहाबाद हाईकोर्ट ने...

सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश को नोटिस
Center,DelhiSat, 03 Jun 2017 09:38 PM
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जमानत मंजूर करने के बाद महिला को एक माह तक अभिरक्षा में रखने का आरोप गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश से छह हफ्ते में जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा इलाहाबाद विदि संवाददाता इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद की सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार झा को नोटिस जारी कर सफाई मांगी है। इन पर कविता को जमानत मंजूर करने के बाद एक माह तक अभिरक्षा में रखने का आरोप है। कोर्ट ने जिला न्यायाधीश गाजियाबाद को घटना की जांच कर छह हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सुनवाई 18 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजुल भार्गव की खंडपीठ ने कविता की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने सीबीआई से भी याचिका का जवाब मांगा है। कोर्ट ने विशेष जज अनिल कुमार झा से पूछा है कि बिना उचित कारण के याची को अभिरक्षा में क्यों रखा, आप के विरुद्ध क्यों न विभागीय कार्यवाही की जाए और याची को देय मुआवजा राशि की कटौती क्यों न आपके वेतन से की जाए? मालूम हो कि कविता व सहअभियुक्त वीएन माथुर के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र व् धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई। जांच सीबीआई ने की। उसने चार्जशीट दाखिल की। दोनों आरोपियों को जमानत मिल गई। ट्रायल पूरा होने से पहले सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की और याची को 13 अप्रैल 2017 को अभिरक्षा में ले लिया। 20 अप्रैल को एक लाख के पर्सनल बांड व दो सिक्योरिटी मांगी। वीएन माथुर सहअभियुक्त को पुराने बांड पर 28 मार्च को अभिरक्षा में लेकर जमानत पर छोड़ दिया। कविता को जमानत बांड के सत्यापन के नाम पर 4 हफ्ते अभिरक्षा में रखा। इस अवैध अभिरक्षा के आधार पर यह याचिका दाखिल की गयी है। जमानत मंजूर होने के बाद एक माह तक जेल में रखने को चुनौती दी गयी है। मुआवजे की मांग की गई है।

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