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जलाभिषेक के समय मंदिरों में गूंजा हर-हर महादेव

हेडर : सुबह चार बजे से शुरू हुआ जल चढ़ाने का सिलसिला शाम तक चला, कांवड़ियों के साथ ही अन्य शिवभक्तों ने मंदिरों में शिव के दर्शन गौमुख और हरिद्वार से गंगाजल की कांवड़ लाए कांवड़ियों ने शुक्रवार को...

जलाभिषेक के समय मंदिरों में गूंजा हर-हर महादेव
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादFri, 21 Jul 2017 07:10 PM
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हेडर : सुबह चार बजे से शुरू हुआ जल चढ़ाने का सिलसिला शाम तक चला, कांवड़ियों के साथ ही अन्य शिवभक्तों ने मंदिरों में शिव के दर्शन गौमुख और हरिद्वार से गंगाजल की कांवड़ लाए कांवड़ियों ने शुक्रवार को मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया और, फल-फूल और पान चढ़ाकर भवानी-शंकर की पूजा की। कांवड़ियों के साथ अन्य श्रद्धालुओं ने भी मंदिरों में जलाभिषेक के बाद शिव और नंदी समेत शिव परिवार की श्रद्धापूर्वक पूजा कर भोलेनाथ की आरती कर मंगलकामनाएं की। जलाभिषेक का सिलसिला मंदिरों में सुबह चार बजे ही शुरू हो गया, जो शाम तक चलता रहा। डाक कांवड़ कई इलाकों में शाम तक पहुंची। इस दौरान शहर भर के शिवालय बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान रहे। कांवड़ियों के जलाभिषेक के लिए मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजया गया था। मंदिरों के पास लगाए गए शिविरों में कांवड़ियों की रातभर सेवा की गई। सभी मंदिरों में आधी रात के बाद से ही कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई। सुबह चार बजे से मंदिरों में जल चढ़ना शुरू हो गया। कुछ मंदिरों में गंगाजल चढ़ाने के लिए कांवड़ियों की कतार लगी रही। कांवड़ियों ने ढोल-नगाड़ों की थाप के बीच शिव का जलाभिषेक किया। कांवड़िए बैंडबाजों और ढोल-नगाड़ों के साथ भजनों की धुन पर नाचते-गाते घरों को लौटे। महिलाओं ने कांवड़ियों के घर लौटते समय मंगलगीत गाए। जगह-जगह कांवड़ियों के लिए लगाए गए शिविरों में फल और दूध भी बांटा गया। ज्योतिषाचार्य पंडित परमानंद शास्त्री इस शिवरात्रि को देश के लिए कल्याणकारी बताते हैं। उनका कहना है कि इस शिवरात्रि का सनातन परम्परा में बड़ा महत्व है। रामायण के लंकाकांड में इस महोत्सव का जिक्र है और कहा गया है कि शिव का गंगाजल से अभिषेक करने पर प्रभु राम के कृपा पात्र होने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कांवड़ यात्रा भी पूजा का एक प्रकार है। इसमें साधक किसी भी प्राकृतिक पवित्र जलस्रोत से जल लेकर ज्योतिर्लिंग, सिद्धलिंग या प्रतिष्ठित शिवलिंग पर अर्पित करने जाता है। श्रीसिद्धदाता आश्रम के शिवालय में रही धूम : श्रीसिद्धदाता आश्रम के शिवालय में अधिष्ठाता स्वामी पुरुषोत्तमचार्या जी महाराज ने शुक्रवार को सबसे पहले भगवान शिव का जलाभिषेक किया और विश्व कल्याण के लिए विशेष पूजा अर्चना की। इसके बाद कांवड़ियों ने बारी-बारी से भवानी-शंकर का जलाभिषेक किया। यहां दूर दराज से आए सैंकड़ों कांवड़ियों ने जल चढ़ाया। आश्रम में कांवड़ियों के लिए सेवा शिविर लगाए गए, जहां खाने और आराम करने के साथ-साथ कीर्तन की विशेष व्यवस्था की गई थी। सैनिक कॉलोनी में लंबी कतार : सैनिक कॉलोनी स्थित शहर के प्रसिद्ध शिव मंदिर में कांवड़ियों ने सुबह से ही जल चढ़ाने का सिलसिला शुरू किया, यहां डाक कांवड़ शाम तक आती रही। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के जयकारे के साथ जलाभिषेक कर मंगलकामना की। शिव मंदिरों में बज रहे शिव भक्ति की गीतों से पूरे दिन महौल भक्तिमय बना रहा। श्रीराम मंदिर और शिव मंदिर में उमड़े कांवड़िए: कांवड़ियों की भीड़ वायुसेना मार्ग स्थित श्रीराम मंदिर और श्मशान घाट वाले शिव मंदिर में गुरुवार देर रात से जुटनी शुरू हो गई थी। इन मंदिरों में सुबह चार बजे ही कांवड़ियों ने जलाभिषेक शुरू कर दिया। यहां डाक कांवड़ भी देर शाम तक आती रही। कांवड़ियों के अलावा अन्य महिला, पुरुष, बुजुर्ग व बच्चे भी शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बोल बम के जयकारे लगाते रहे। तिकोना पार्क के पीपलेश्वर मंदिर में चढ़ाया जल : कांवड़ियों ने तिकाना पार्क के पीपलेश्वर मंदिर और काली मंदिर परिसर के शिवलिंग पर जल चढ़ाया। देर शाम तक सैंकड़ों कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। मंदिर परिसर के आसपास लगाए गए शिविरों में कांवड़ियों के परिजन भी आए। पंडालों में कांवड़ियों की सेवा की गई। पथवारी मंदिर में जलाभिषेक : यूं तो जिलेभर के कांवड़ियों ने अपने-अपने ग्राम देवता के शिवालयों में गंगाजल चढ़ाया, लेकिन पथवारी मंदिर पुराना फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के पथवारी मंदिर में शिवलिंग पर कांवड़ियों ने जल चढ़ाया और भवगान शिव की पूजा अर्चना की। सुबह से ही इन मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सेक्टर-29 के शिवालय में कांवड़िए : सेक्टर-29 के शिवालय में कांवड़िए के अलावा आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी दीपक यादव, मनीष, तेजपाल, मुकेश कुमार व जगदीश मंमगई ने जल चढ़ाया। यहां स्थानीय निवासियों ने कांवड़ियों का फूलों से स्वागत किया। मंदिरों के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम : कांवड़ियों की ओर से शिव के जलाभिषेक महोत्सव को पुलिस ने गंभीरता से लिया। सभी मंदिरों के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। पुलिस बल शाम तक लगा रहा। यातायात नियंत्रण में भी पुलिसकर्मियों ने काफी मशक्कत की। महिला पुलिसकर्मी भी जगह-जगह तैनात दिखाई दीं। मंदिरों में आने-जाने वाले सभी लोगों पर पुलिस की पैनी नजर रही। पुलिस व्यवस्था के चलते ही सभी ने बारी बारी से जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की।

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