आयकर दंड नहीं, सेवा का सौभाग्य: अनुराधा
प्रधान आयकर आयुक्त अनुराधा मुखर्जी ने कहा है कि करदाता आयकर देना दंड न समझकर देश सेवा करने का अपना सौभाग्य समझें। करदाताओं को समझना चाहिए कि उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिल रहा है। प्रधान आयकर...
प्रधान आयकर आयुक्त अनुराधा मुखर्जी ने कहा है कि करदाता आयकर देना दंड न समझकर देश सेवा करने का अपना सौभाग्य समझें। करदाताओं को समझना चाहिए कि उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिल रहा है। प्रधान आयकर आयुक्त सोमवार शाम को बाटा चौक स्थित एफआईए भवन में आयकर दिवस के मौके पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहीं थीं। इस दौरान आयकर विभाग की सुविधाओं को लेकर एक प्रोजेक्टर के जरिए प्रस्तुति भी दी गई। इससे पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त ने टाउन नंबर-4 स्थित आयकर कार्यालय में पौधारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि आयकर देने के कारण ही देश तरक्की के रास्ते पर है। देश में नए-नए पुल, स्टेडियम, मेट्रो रेल और हाईवे बन रहे हैं। यह सब करदाताओं की वजह से ही संभव हो पा रहा है। इसलिए आयकरदाता स्वेच्छा से कर दें। उन्होंने कहा कि बीते वित्तीय वर्ष देश 8.5 लाख करोड़ रुपये के आयकर की प्राप्ति हुई है। उन्होंने कहा कि तकनीक के बढ़ते दखल के कारण अब आयकर चोरों पर नजर रखना भी आसान हो गया है। विमुद्रीकरण के दौरान किस शहर के बैंकों में कितनी नकदी जमा हुई किस खातेदार ने नकदी जमा की। इस सबके बारे में विभाग को जानकारी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी नंबर के लिए पैन नंबर जरूरी होने से अब आयकर विभाग को आसानी से पता लग जाएगा कि किस जीएसटी नंबर धारक ने रिटर्न जमा नहीं की है। इस मौके पर उद्यमी, सीए और टैक्स बार एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने विचार रखे। इस मौके पर उद्योगपति केसी लखानी, नवदीप चावला, राजीव चावला, आयकर आयुक्त (अपील) मनु मलिक, संयुक्त निदेशक जांच विभाग शिव स्वरूप सिंह, सहायक निदेशक गौरव भारिल्ल, संजीव यादव, कमल लखानी, सुनील गर्ग आदि मौजूद थे।