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डेंगू के मरीजों को निजी ब्लड बैंक का ही सहारा

स्मार्ट सिटी में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी हैं। बादशाह खान अस्पताल के ब्लड बैंक में डेंगू के मरीजों के लिए एक भी यूनिट प्लेटलेट नहीं है। जबकि मरीज को इसकी सबसे ज्यादा...

डेंगू के मरीजों को निजी ब्लड बैंक का ही सहारा
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSat, 26 Aug 2017 06:35 PM
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स्मार्ट सिटी में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी हैं। बादशाह खान अस्पताल के ब्लड बैंक में डेंगू के मरीजों के लिए एक भी यूनिट प्लेटलेट नहीं है। जबकि मरीज को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। हालांकि गंभीर रोगियों के वार्ड और मरीजों के पैथोलाजिकल जांच के लिए लैब शुरू कर दी गई है। प्लेटलेट का जीवन चक्र मात्र पांच दिनों का होने के कारण ब्लड बैंक में रखा करीब 14 यूनिट प्लेटलेट शनिवार को समाप्त हो गया। ब्लड बैंक में रक्त की संख्या कम होने के कारण अभी प्लेटलेट तैयार भी नहीं की जा सकी है। गंभीर रोगियों को प्लेटलेट के लिए शहर के निजी ब्लड बैंक पर निर्भर रहना पड़ेगा। गौरतलब है कि शहर में डेंगू के चार मरीजों की पहचान की गई है। जबकि 14 से अधिक मरीजों का उपचार शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उनके खून के नमूने लेकर जांच के लिए दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेवल डिजिज (एनआईसीडी) लैब में भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले को सार्वजनिक किया जाएगा। विभाग को आशंका है कि मरीजों की संख्या में इजाफा हो सकता है, इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। डेंगू के गंभीर रोगियों के लिए बादशाह खान अस्पताल के ब्लड बैंक से मात्र 300 रुपये में प्लेटलेट कॉसंट्रेट (छोटा यूनिट) दिया जाता है। गंभीर रोगियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न ब्लड ग्रुप के 14 यूनिट प्लेटलेट तैयार कर रखा गया था। विशेषज्ञों के अनुसार प्लेटलेट का जीवन चक्र मात्र पांच दिनों का होता है। इसके बाद यह किसी भी मरीज में चढ़ाने के योग्य नहीं रह जाता है। ब्लड बैंक में एक भी यूनिट नहीं है प्लेटलेट एक यूनिट प्लेटलेट तैयार करने में चार से पांच यूनिट ब्लड की जरूरत होती है। जिसे तैयार करने में चार से पांच घंटा लगता है। इसे तैयार करने के बाद एक विशेष प्रकार के मशीन में रखा जाता है। जो 24 घंटे हिलता रहता है, ऐसा नहीं करने प्लेटलेट खराब होने की संभावना होती है। ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. सविता यादव : करीब 14 यूनिट प्लेटलेट मौजूद थीं। शनिवार को उसकी अवधि समाप्त हो गई। ऐसे में मरीजों को अब निजी लैब पर निर्भर रहना पड़ेगा। मलेरिया अधिकारी डॉ. राम भगत : डेंगू के मरीजों को ध्यान में रखते हुए तैयारी शुरू कर दी गई है। लैब के साथ वार्ड को भी शुरू कर दिया गया है। बुखार से पीड़ित सभी मरीजों के खून के जांच कराई जा रही है। डेंगू के संभावित मरीजों की संख्या : 14 डेंगू के मरीज: 04 निजी ब्लड बैंक में एक यूनिट प्लेट लेट की कीमत निजी अस्पताल में मेगा यूनिट प्लेटलेट: साढ़े ग्यारह हजार हजार रुपये सरकारी अस्पताल में तीन सौ एमएल ब्लड: पांच सौ रुपये निजी अस्पताल में तीन सौ एमएल ब्लड: 11-15 सौ रुपये ---------- डेंगू के संभावित मरीजों की संख्या वर्ष संभावित पुष्टि - 2015: 2702 457 - 2016: 625 107 - 2017 : 14 04

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