आज से जीएसटी युग
आप शुक्रवार रात को उस समय शायद नींद के आगोश में रहे होंगे जब देश ने एक बड़े आर्थिक बदलाव की ओर कदम बढ़ाया। संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तमाम गणमान्य लोगों की मौजूदगी में...
आप शुक्रवार रात को उस समय शायद नींद के आगोश में रहे होंगे जब देश ने एक बड़े आर्थिक बदलाव की ओर कदम बढ़ाया। संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तमाम गणमान्य लोगों की मौजूदगी में शुक्रवार आधी रात को घंटा बजते ही जीएसटी युग का आगाज हो गया। संसद में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच नई कर प्रणाली को मंजूरी का यह नजारा कुछ 70 साल पहले आजादी के वक्त जैसा था।
संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुए भव्य आयोजन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मोदी ने एक साथ बटन दबाकर जीएसटी को लागू किया। ्रराष्ट्रपति ने संबोधन में कहा कि उन्हें भरोसा था कि जीएसटी आखिरकार लागू होगा और आज सबने संकुचित मतभेद मिटाकर देशहित में यह काम पूरा किया।
जीएसटी यानी गुड एंड सिंपल टैक्स प्रणब मुखर्जी से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी पर अपने विचार रखे। उन्होंने जीएसटी को गुड एंड सिंपल टैक्स करार दिया। मोदी ने कहा कि गुड का तात्पर्य है कि अब टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा और जनता-कारोबारियों का कर का बोझ कम होगा। जबकि सिंपल के मायने हैं कि पूरे देश में एकसमान कर व्यवस्था होगी और एक फार्म के जरिये व्यापारी ऑनलाइन ब्योरा दे सकेंगे।
सपा, एनसीपी और जेडीयू के प्रतिनिधि पहुंचे : सेंट्रल हॉल में हुए भव्य कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे। सपा की ओर से रामगोपाल यादव और जेडीयू की ओर से बिहार के वित्त मंत्री विजेंद्र यादव भी मौजूद रहे। अभिनेता अमिताभ बच्चन, लता मंगेशकर और रतन टाटा भी मौजूद थे।
कांग्रेस, वामदल नदारद : वहीं कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, बसपा, राजद और डीएमके ने समारोह का बहिष्कार किया।