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खबरदारः जीका वायरस ने भारत में दी दस्तक, तीन मामले सामने आए

देश में पहली बार जीका वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि तीनों मामले अहमदाबाद के बापूनगर इलाके से हैं। इनमें एक गर्भवती...

खबरदारः जीका वायरस ने भारत में दी दस्तक, तीन मामले सामने आए
नई दिल्ली, हिटी Sat, 27 May 2017 10:26 PM
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देश में पहली बार जीका वायरस के तीन मामले सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि तीनों मामले अहमदाबाद के बापूनगर इलाके से हैं। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है, जिसने जनवरी में जांच कराई थी। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है। 

सबसे पहला मामला पिछले साल फरवरी में, दूसरा नवंबर और तीसरा मामला इसी साल जनवरी में सामने आया है। हालांकि जीका वायरस का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर टेस्ट के माध्यम से जीका वायरस के मामलों की पुष्टि की गई है। 

डब्ल्यूएचओ की नजर में इन मामलों को ज्यादा खतरनाक नहीं माना है, लेकिन साथ ही भविष्य के और भी मामले सामने आने के लिए चेताया है। बीजे मेडिकल कॉलेज में निगरानी में ये मामले सामने आए हैं। मरीजों में एक 64 वर्षीय पुरुष, हाल ही में मां बनी 34 साल की एक महिला और 22 साल की एक गर्भवती युवती है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) की महानिदेशक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘हमें बच्चों की चिंता थी। शुक्र है कि मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं। पहला मामला 64 वर्षीय बुजुर्ग का था। उनका डेंगू और चिकनगुनिया टेस्ट तो नेगेटिव रहा, लेकिन जीका वायरस पॉजीटिव आया।’ जीका वायरस ने निपटने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी गठित की गई है। इसमें उनके साथ बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव और स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव भी होंगे। आईसीएमआर ने अब तक जीका के लिए 34,233 नमूने लिए गए थे। 

ये तीन मामले सामने आए
पहला मामलाः पिछले साल 10 से 16 फरवरी के बीच कुल 93 रक्त के नमूने लिए गए। इसमें एक सैंपल 64 वर्षीय पुरुष का था, जिनका नमूना पॉजीटिव पाया गया। 

दूसरा मामलाः  9 नवंबर 2016 को 34 साल की महिला ने बीजे मेडिकल कॉलेज में बच्चे को जन्म दिया। सब कुछ ठीक था, लेकिन डिलीवरी के बाद अस्पताल में रुकने के दौरान उसे हल्का बुखार हुआ। डेंगू टेस्ट तो सही रहा, लेकिन जीका टेस्ट पॉजीटिव पाया गया। 

तीसरा मामला :  इसी साल जनवरी में 6-12 तारीख के बीच 111 रक्त के सैंपल लिए गए थे। इसमें 22 साल की एक गर्भवती महिला में जीका वायरस की पुष्टि हुई।

नवजात बच्चों पर ज्यादा असर
जीका वायरस सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था। यहां से धीरे-धीरे यह वायरस अफ्रीका, अमेरिका और एशिया के कई देशों में भी फैला। जीका वायरस का सबसे ज्यादा असर नवजात बच्चों पर होता है। इसके प्रभाव के चलते उनका सिर छोटा रह जाता है और उनका दिमाग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता। 

क्या है जीका वायरस
डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के काटने से जीका वायरस फैलने का भी खतरा रहता है। बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान और सिर दर्द जीका वायरस के लक्षण हैं। 

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