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मोदी सरकार: मंत्रियों के काम की हो रही समीक्षा, बड़ा फेरबदल संभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल कर सकते हैं। रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफे की पेशकश करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी प्रधानमंत्री ने इंतजार करने...

मोदी सरकार: मंत्रियों के काम की हो रही समीक्षा, बड़ा फेरबदल संभव
रामनारायण श्रीवास्तव ,नई दिल्लीThu, 24 Aug 2017 06:59 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल कर सकते हैं। रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफे की पेशकश करने वाले रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी प्रधानमंत्री ने इंतजार करने को कहा है। मंत्रि परिषद के फेरबदल व विस्तार में लगभग आधा दर्जन मंत्रियों को हटाया जा सकता है, वहीं एक दर्जन से ज्यादा नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। जद (यू) और अन्नाद्रमुक भी केंद्र सरकार में शामिल हो सकते हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज को लेकर प्रधानमंत्री बेहद नाराज है और उसमें बड़े बदलाव शुरू हो गए हैं।

भाजपा में शीर्ष स्तर पर बीते एक सप्ताह से सरकार व संगठन में फेरबदल को लेकर कवायद चल रही है। अब रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इंतजार करने की बात कहने से साफ हो गया है कि सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो रहे पितृपक्ष के पहले मंत्रि परिषद का विस्तार करने की पूरी तैयारी है। कुछ मंत्रियों को संगठन के काम में लगाया जा सकता है, वहीं संगठन से कम से कम दो पदाधिकारियों को सरकार में शामिल किया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लगातार मंत्रियों से चर्चा कर उनके कामकाज पर बात कर रहे हैं। शाह ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, चौधरी वीरेंद्र सिंह व उपेंद्र कुशवाह से चर्चा की थी।

रेल मंत्रालय के कामकाज से नाराज हैं प्रधानमंत्री
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी रेल मंत्रालय के कामकाज से बेहद नाराज है। एक सप्ताह के भीतर दूसरे बड़े रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए के मित्तल की छुट्टी कर एयर इंडिया के सीएमडी अश्विनी लोहानी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा तलब किए गए रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी हटाए जाने के पूरे आसार है। सूत्रों के अनुसार प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश भी की, लेकिन प्रधानमंत्री रेल हादसों को आधार बनाकर मंत्री को हटाना नहीं चाहते हैं, बल्कि उनको फेरबदल के बहाने हटाया जा सकता है। रेल मंत्रालय के राज्यमंत्री भी बदले जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री व्यक्तिगत तौर पर प्रभु को पसंद करते हैं ऐसे में उनको दूसरा मंत्रालय दिया जा सकता है। नए रेल मंत्री के लिए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का नाम भी चर्चा में है। 

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अतिरक्त मंत्रालय संभाल रहे मंत्रियों का बोझ घटेगा
अगले लोकसभा चुनाव से पहले यह आखिरी फेरबदल हो सकता है। केंद्र सरकार में लगभग आधा दर्जन प्रमुख मंत्रालय दूसरे मंत्रियों के पास अतिरिक्त रूप से हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा, स्मृति ईरानी के पास सूचना प्रसारण, डा हर्षवर्धन के पास पर्यावरण व वन, नरेंद्र सिंह तोमर के पास शहरी विकास की अतिरिक्त जिम्मदारी है। चीन के साथ सीमा विवाद व तनातनी के बीच नए रक्षा मंत्री की नियुक्ति की जा सकती है। विस्तार में उत्तर प्रदेश व बिहार से आने वाले कुछ मंत्रियों को सरकार से हटाया जा सकता है। जल संसाधन राज्यमंत्री संजीव बालियान के नाम उत्तर प्रदेश के नए अध्यक्ष के लिए भी चर्चा में है। बिहार के सांसद आर के सिंह को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति बनने के बाद दक्षिण भारत से किसी बड़े नेता को सरकार में शामिल किया जा सकता है।

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जद (यू) व अन्नाद्रमुक के भी शामिल होने के आसार
विस्तार में जद (यू) से दो मंत्री शामिल किए जाने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार भाजपा बिहार से अपने कुछ मंत्रियों को कम करेगी और उनकी जगह जद (यू) को जगह देगी। जिन राज्यों में चुनाव हैं वहां से भी कुछ मंत्री बनाए जा सकते हैं। अन्नाद्रमुक भी जल्द ही राजग का हिस्सा बन सकती है और उससे भी दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। 

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