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रैनसमवेयर वायरस: देश का सबसे बड़ा बंदरगाह भी साइबर हमले का शिकार

एक दिन पहले यूक्रेन समेत करीब 64 देशों को प्रभावित करने वाले रैनसमवेयर वायरस ने देश के सबसे बड़े बंदरगाह को भी अपना शिकार बना लिया। ‘गोल्डन-आई’ या ‘पेट्या’ नाम के रैनसमवेयर के...

 रैनसमवेयर वायरस: देश का सबसे बड़ा बंदरगाह भी साइबर हमले का शिकार
नई दिल्ली | एजेंसी Thu, 29 Jun 2017 01:46 AM
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एक दिन पहले यूक्रेन समेत करीब 64 देशों को प्रभावित करने वाले रैनसमवेयर वायरस ने देश के सबसे बड़े बंदरगाह को भी अपना शिकार बना लिया। ‘गोल्डन-आई’ या ‘पेट्या’ नाम के रैनसमवेयर के चलते बुधवार को मुंबई स्थित जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के एक टर्मिनल का काम प्रभावित हुआ। यही नहीं गुजरात स्थित पीपाराव बंदरगाह भी आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है। 

मंगलवार को यूक्रेन की पूरी बैंकिंग प्रणाली को ठप करने वाले इस वायरस ने यूरोप के साथ-साथ एशिया के कई देशों को भी अपने चपेट में ले लिया था। दरअसल हेग स्थित शिपिंग कंपनी एपी-मोलर-माएस्क (एपीएम) के सर्वर पर इस वायरस का हमला हुआ था। यह कंपनी जेएनपीटी और पीपाराव बंदरगाह पर परिचालन का काम देखती है। जहाजरानी मंत्रालय के एक अधिकारी ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि एपीएम को अपने टर्मिनल के ट्रैफिक को अन्य दो इकाइयों की ओर स्थानांतरित करना पड़ा।

साइबर हमले की वजह से टर्मिनल का परिचालन धीमा हुआ। प्रभावित टर्मिनल पर आयात और निर्यात वाले 4,500 कंटेनर प्रतिदिन चढ़ते-उतरते हैं। इस बंदरगाह पर तीन टर्मिनल हैं, जिनकी मौजूदा क्षमता 45 लाख मानक कंटेनर इकाइयों की है। अधिकारियों के मुताबिक इसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इसमें समय लग सकता है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संयोजक गुलशन राय स्थिति से निपटने के लिए जेएनपीटी पहुंच गए हैं। बंदरगाह ने कंटेनरों के लिए अतिरिक्त पार्किंग स्थल भी उपलब्ध कराया है। 


देश साइबर हमलों से निपटने में सक्षम : रविशंकर प्रसाद

भारत ने दावा किया है कि साइबर हमले से निपटने के लिए उसकी तैयारियां पूरी हैं। यूरोप पर हुए साइबर हमले पर सूचना प्रौद्यौगिकी एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया है कि इस हमले का भारत पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है। 
बुधवार को डिजिटल इंडिया की चुनौतियों एवं संभावनाओं को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि रैनसमवेयर हमले से पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिए भारत ने कई उपाय किए हैं। हमने अग्रिम कदम उठाए हैं। सभी एजेंसियों को साइबर हमलों से निपटने के उपायों तथा मालवेयर हमले से बचने के लिए परामर्श जारी किए हैं, जिन पर एजेंसियां अमल कर रही हैं। इसके चलते यह हमला भारत में करीब-करीब निष्प्रभावी रहा है। 

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