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राजीव गांधी जयंतीः जानें देश के सबसे कम उम्र के PM की 10 खास बातें

कांग्रेस(I) के शासनकाल में अक्टूबर, 1984 से दिसंबर 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को हुआ था। आज उनकी 73वीं वर्षगांठ है। जब देश आजाद हुआ था तब राजीव गांधी सिर्फ 3...

राजीव गांधी जयंतीः जानें देश के सबसे कम उम्र के PM की 10 खास बातें
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 20 Aug 2017 09:39 AM
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कांग्रेस(I) के शासनकाल में अक्टूबर, 1984 से दिसंबर 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को हुआ था। आज उनकी 73वीं वर्षगांठ है। जब देश आजाद हुआ था तब राजीव गांधी सिर्फ 3 साल के थे और आजादी के 37 सालों बाद 40 की उम्र में वो देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने। देश के इतिहास में अब तक इतनी ज्यादा सीटों के साथ कभी सरकार नहीं बनी है और भविष्य में भी ऐसा दोबारा होने की उम्मीद नहीं है। राजीव गांधी के शासनकाल में 508सीटों में से 401 सीटों पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा था। 

आज उनकी जयंती के मौके पर जानते हैं ऐसी 10 बातें जो आप ने नहीं सुनी होगी... 

-आजाद भारत के इतिहास के सबसे कम 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने 

-राजीव गांधी एक फ्लाइंग क्लब के मैंबर भी थे जहां से उन्होंने सिविल एविएशन की ट्रेनिंग भी ली थी। 

-1970 में उन्होंने एक पायलट के तौर पर एयर इंडिया ज्वाइन किया था और 1980 तक पॉलिटिक्स ज्वाइन करने से पहले तक वो एयर इंडिया के लिए काम करते रहे। 

-नरेंद्र मोदी सरकार की ही तरह राजीव गांधी सरकार के दौरान भी देशभर में डिजीटाइजेशन और कंप्यूटराइजेशन पर विशेष ध्यान दिया गया था। 

-1981 में उन्हें कांग्रेस पार्टी के यूथ विंग के प्रेसिडेंट के तौर पर चुना गया था। 

-राजीव गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस पार्टी  ने 408 सीटों के बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाई थी। 

-भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनके कदमों की वजह से उन्हें मिस्टर क्लीन का भी दर्जा दिया गया था। 

-देश में बिजली, तकनीक और कंप्यूटर सेवा बहाल करने पर उनका हमेशा से जोर था और आज देश में अगर इतनी तेजी से कंप्यूटर तकनीक बदली है तो इसमें राजीव गांधी का योगदान अमूल्य माना जाएगा। 

-21 मई 1991 को  राजीव गांधी विशाखापट्टनम से चुनावी अभियान को पूरा करने के बाद श्रीपेरुंबदूर में रुके जो कि मद्रास से 22 किलोमीटर दूर है। यहां पर वह अपनी कार से उतकर उस जगह की ओर पैदल ही चल पड़े जहां से उन्हें भाषण देना था।  

-इसी इवेंट के दौरान एलटीटीई (श्रीलंका में अलगाववादी मूवमेंट चला रहा एक ग्रुप) ने उनकी हत्या कर दी थी।    

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