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साजिश का खुलासा:गिलानी के हस्ताक्षर वाले कैलेंडर में मिला पथराव, धरना प्रदर्शन और हिंसा फैलाने का पूरा खाका

जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग की जांच कर रही एनआईए को बड़े अलगाववादी नेताओं की हिंसा फैलाने में अहम भूमिका के सबूत मिले हैं। एजेंसी को छापेमारी में हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का हस्ताक्षर किया...

साजिश का खुलासा:गिलानी के हस्ताक्षर वाले कैलेंडर में मिला पथराव, धरना प्रदर्शन और हिंसा फैलाने का पूरा खाका
पंकज पाण्डेय,नई दिल्लीSun, 30 Jul 2017 10:19 PM
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जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग की जांच कर रही एनआईए को बड़े अलगाववादी नेताओं की हिंसा फैलाने में अहम भूमिका के सबूत मिले हैं। एजेंसी को छापेमारी में हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का हस्ताक्षर किया हुआ कैलेंडर मिला था। इसमें सुरक्षा बलों और सेना के खिलाफ धरना प्रदर्शन और हिंसा फैलाने का पूरा खाका है। जांच एजेंसी कई कड़ियों को जोड़कर जांच आगे बढ़ा रही है। 

पुख्ता सबूत: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों का कहना है कि कैलेंडर अलगाववादी नेताओं की साजिश का पुख्ता सबूत है। इससे अलगाववादियों का असली चेहरा सामने आ जाएगा। सूत्रों का कहना है कि घाटी में अस्थिरता पैदा करने और कश्मीर में बड़ी हिंसा को अंजाम देने की अलगाववादियों की पूरी साजिश का खुलासा करने में एजेंसी जुटी है। पकड़े गए अलगाववादी नेताओं से कई ऐसी जानकारियां मिली हैं, जिससे पता चलता है कि अलगाववादी गुट और आतंकी समूह मिलकर पाकिस्तान के नापाक मंसूबों में मददगार साबित हो रहे हैं। 

साजिश का खाका

गिलानी के हस्ताक्षरयुक्त हुर्रियत का कैलेंडर अलगाववादी नेता अल्ताफ शाह फंटूश के घर से बरामद हुआ। इसमें कश्मीर में सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर लोगों को भड़काने की साजिश का खाका है। कैलेंडर अगस्त 2016 का बताया जा रहा है। इससे पहले भी कई पत्र एजेंसी को मिले थे, जिनसे हुर्रियत नेताओं और आतंकी गुटों की फंडिंग का खुलासा हुआ। जांच एजेंसी को अलगाववादी नेताओं की अकूत संपत्ति का भी पूरा विवरण हाथ लगा है। हवाला के जरिए हेरफेर और सीमापार से अवैध व्यापार में भी अलगाववादी बेनकाब हुए हैं। 

सोची-समझी रणनीति 
एनआईए सूत्रों का कहना है कि कैलेंडर से साफ हो जाता है कि कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों पर पथराव और प्रदर्शन सोची-समझी रणनीति का नतीजा होता है। इसका खाका पहले तैयार कर लिया जाता है। कब क्या और कैसे करना है, इसकी पहले से तैयारी होती है। 

इनसे पूछताछ हो रही 
एनआईए ने आतंकी फंडिंग के मामले में अल्ताफ अहमद शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, शाहिद उल इस्लाम, मेहराजुद्दीन कालवाल, नईम खान और फारूक अहमद डार को गिरफ्तार किया था। इनसे अदालत के आदेश से पूछताछ चल रही है। जांच एजेंसी को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं जिससे इनके पाक संपर्कों का भी पता चला है। बड़े अलगाववादी नेता भी एनआईए के निशाने पर हैं।

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क्या है कैलेंडर में

  • 4 अगस्त 2016 को सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने को कहा गया 
  • 6 अगस्त 2016 लोगों से अलग-अलग जगह पर इकट्ठा होने, धरना प्रदर्शन की अपील
  • 8 अगस्त 2016 श्रीनगर की ओर जाने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करना और लोगों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोकना, सभी को फोनकर इस बात का दबाव बनाना कि वे अपने दफ्तर न जाएं।
  • 9 अगस्त 2016 औरतों से अपील कि वह प्रदर्शन में शामिल हों और जगह-जगह इस्लामिक और आजादी के गाने मस्जिदों से बजाए जाएं
  • 10 अगस्त 2016 जम्मू कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबलों को पत्र देकर कहा जाए कि वे यहां से वापस जाएं
  • 11 अगस्त 2016 कश्मीर में सभी भारत समर्थित राजनेताओं और सरपंचों से यह कहा जाए कि वे अपने पदों से त्यागपत्र दें और अपने-अपने दरवाजों पर त्यागपत्र की कॉपी चिपकाएं।
  • 12 अगस्त 2016 आजादी के समर्थन में सभी इमाम को यह कहा गया कि मस्जिदों में लोगों को आजादी के लिए जागरूक करें और मस्जिद के दरवाजे पर आजादी के पोस्टर चिपका कर रखें
  • 13 अगस्त 2016 काले झंडे लेकर प्रदर्शन में शामिल हों
  • 14 अगस्त 2016 पाकिस्तान दिवस के दिन पाकिस्तान के लिए विशेष कार्यक्रम किए जाएं, नमाज अता की जाएं और हर मस्जिद में पूरे दिन आजादी के गाने बजाए जाएं
  • 15 अगस्त 2016 जम्मू कश्मीर में काला दिवस मनाया जाए, अपने घरों के ऊपर भी काले झंडे रखें। दुकान, बाजार और हर चौराहे पर काले झंडे लगाए जाएं
  • 16 अगस्त औरतें प्रदर्शन में शामिल हों
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