मोदी सरकार के तीन साल: इन 10 योजनाओं से बदल रही है भारत की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 26 मई 2017 को तीन साल का कार्यकाल पूरे हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकार से हटकर नई योजनाएं चलाईं जिसका व्यपाक असर देख
मोदी सरकार के तीन साल: इन 10 योजनाओं से बदल रही है भारत की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 26 मई 2017 को तीन साल का कार्यकाल पूरे हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकार से हटकर नई योजनाएं चलाईं जिसका व्यपाक असर देखने को मिला है। इनमें मुख्य रूप से नोटबंदी, स्वच्छ भारत मिशन, मुद्रा योजना, जन औषधि योजना, उज्ज्वला योजना, कौशल विकास योजना, जनधन योजना और जीवन ज्योति बीमा योजना प्रमुख है।
1) नोटबंदी
नोटबंदी केन्द्र सरकार की तीन सालों में सबसे बड़ी योजना रही। इसके तहत 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण कर दिया गया। यह घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किए गए संबोधन में की गई। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।
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जनधन योजना
2) जनधन योजना
जिनका लोगों के पास बैंक में खाता नहीं था, उनका प्रधानमंत्री की जनधन योजना के तहत खाता खोला गया। इस योजना में लोगों का जीरो बैलेंस पर खाता खोला गया और गरीबों को उनको मिलने वाली योजना का पैसा सीधे उनके खाते में भेजा जाने लगा। इस कार्यक्रम के शुरू होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैंक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 1,00,000 रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया गया। इसके साथ RuPay डेबिट कार्ड की शुरुआत भी की गई।
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना
3) प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना
इस योजना के तहत जेनेरिक दवाओं के मेडिकल स्टोर खोले गए। यहां लोगों को कम दामों में दवाएं उपलब्ध कराई गई। इस योजना के तहत 600 तरह की दवाइयां लोगों को सस्ते दामों पर मिल रही हैं।
4) मुद्रा योजना
छोटे कारोबारियों और जरूरतमंदों को अपना काम शुरू करने के लिए इस योजना के तहत लोन देने की सुविधा शुरू की गई। इस योजना को तीन भागों में बांटा गया है जिसमें शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन दिए जाते हैं, किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। जबकि तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा बैंक से देश के करीब 5 करोड़ 77 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा हुआ है।
स्टार्टअप इंडिया
5) स्टार्टअप इंडिया
इस योजना से उन लोगों को फायदा हुआ जो लोग अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। इस योजना के तहत जो लोग अपना कारोबार शुरू करना चाहते है उनकी आर्थिक मदद की जाती है और उन्हें टैक्स में भी छूट मिलती है। इस योजना की शर्तों में ये भी शामिल किया गया है कि कितने लोगों को रोजगार मिलेगा।
6) डिजिटल इंडिया
प्रधानमंत्री की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना है। 'डिजिटल इंडिया' की शुरुआत 21 अगस्त 2014 को हुई थी। इस योजना का मकसद भारत को एक इलेक्ट्रॉनिक अर्थव्यवस्था में बदलना है। सरकार की मंशा है कि सभी सरकारी विभाग और भारत की जनता एक दूसरे से डिजिटल रूप से या इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जुड़ें ताकि प्रभावी प्रशासन चलाया जा सके। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह कि इसके तहत देश के सभी गांवों और ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ना है।
स्वच्छ भारत अभियान
7) स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री ने 24 सितंबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को मंजूरी दी और महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को इस योजना को शुरू किया गया। इस योजना पिछली सरकार द्वारा शुरू किए गए निर्मल भारत कार्यक्रम का संशोधित प्रारूप कहा जाता है। इस योजना का उद्देश्य 2019 तक यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य है।
8) मेक इन इंडिया
25 सितंबर 2014 को ये योजना लॉन्च की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में वैश्विक निवेश और विनिर्माण को आकर्षित करना है, जिससे भारत में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले। इसका एक उद्देश्य देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देना और घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों की हालत दुरुस्त करना भी है।
उज्जवला योजना
9) उज्जवला योजना
1 मई 2016 को यूपी के बलिया से योजना की शुरुआत की गई। उज्ज्वला योजना के तहत BPL परिवार की महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिए जाते हैं। इस योजना के तहत तीन वर्षों में 5 करोड़ गरीब परिवारों को जहां लकड़ी का चूल्हा जलता है, मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा।
10) बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से इस योजना को शुरू किया गया। 100 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलों में शुरू की गई। हरियाणा में जहां बाल लिंगानुपात (सीएसआर) बेहद कम है, इस योजना का लक्ष्य लड़कियों को पढ़ाई के जरिए सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार के इस नजरिए से महिलाओं की कल्याण सेवाओं के प्रति जागरुकता पैदा करने और निष्पादन क्षमता में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।