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सर्वेक्षण: देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले एसोचैम ने एक अध्ययन में दावा किया है कि देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी है। वहीं देश को कुल पांच लाख प्रशिक्षकों की जरूरत है।  एसोचैम के मुताबिक...

सर्वेक्षण: देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी
एजेंसी ,नई दिल्लीMon, 19 Jun 2017 06:19 PM
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले एसोचैम ने एक अध्ययन में दावा किया है कि देश में तीन लाख योग प्रशिक्षकों की कमी है। वहीं देश को कुल पांच लाख प्रशिक्षकों की जरूरत है। 

एसोचैम के मुताबिक अंतरार्ष्ट्रीय योग दिवस जहां इसकी लोकप्रियता को बढ़ा रहा है, उससे योग तेजी से ‘फिटनेस की नई मुद्रा’ बन रहा है। जिस तरह से योग दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहा है, उस हिसाब से प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों की कमी होती जा रही है। अध्ययन में दावा है कि चर्चित हस्तियों को योग सिखाने की बढ़ती लोकप्रियता ने इसे एक आकर्षक पेशा बना दिया है। योग प्रशिक्षक निजी कक्षाओं के लिए अपने अनुभव के आधार पर किसी भी दर से शुल्क ले सकते हैं। आज योग देश भर के लोगों की जीवनशैली का आंतरिक हिस्सा है और योग स्टूडियो और निजी योग कोचिंग कक्षाओं की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है। 

अध्ययन में कहा गया है कि बहुत सारे लोग योग कक्षाओं में पांच हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक खर्च करने को तैयार हैं, क्योंकि वे इसे अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक भलाई में किया गया निवेश मानते हैं।

दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे अधिक मांग 
अध्ययन के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया में योग प्रशिक्षकों की मांग सबसे अधिक है और भारत दक्षिण पूर्व एशिया और चीन के लिए इसका सबसे बड़ा नियार्तक है। अनुमान है कि चीन में भारत के तीन हजार योग प्रशिक्षक काम कर रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश के हैं, जिसे योग राजधानी कहा जाता है, यहां बड़ी संख्या में योग स्कूल भी चल रहे हैं। 

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