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नर्मदा सेवा यात्रा: जानिए कैसे शुरू हुआ ये सफर और बढ़ता चला गया

पिछले साल दिसंबर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई नर्मदा सेवा यात्रा आज समाप्त हो रही है। पीएम मोदी आज भोपाल इसका समापन करेंगे। इस सफर की शुरुआत 11 दिसंबर 2016 में हुई

Suman.agarwalलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 15 May 2017 12:06 PM

Narmada seva yatra

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पिछले साल दिसंबर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई नर्मदा सेवा यात्रा आज समाप्त हो रही है। पीएम मोदी आज भोपाल इसका समापन करेंगे। इस सफर की शुरुआत 11 दिसंबर 2016 में हुई थी और आज 15 मई इसकी समाप्ति अमरकंटक में हो रही है। नर्मदा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए निकाली गई इस यात्रा को प्रदेश, देश और विदेश से जोड़ा गया है। नेता, मंत्री, अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता और कई महात्माओं ने इस यात्रा में अपना योगदान दिया है।


ऐसे हुई सफर की शुरुआत 

पिछले साल 11 दिसंबर को अमरकंटक से शुरू हुई ये यात्रा अपनी पूर्णता के जिले अनूपपुर में ही संचालित है। ये अब तक 615 ग्राम, एक हजार से ज्यादा गांव और 50 से ज्यादा विकास खंडों से होकर गुजर चुकी है। मुख्य यात्रा में 1862 उप यात्राएं शामिल हो चुकी हैं। 

नमामि देवि नर्मदे-सेवा यात्रा ने 146 दिनों में कुल 3334 किमी की दूरी तय कर ली है। इस दौरान लोगों ने नदी के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए कई बार लोगों से सार्वजनिक तौर पर बात की। 

इस जन संवाद और जागरूक अभियान में तटों की सफाई, पानी को गंदा न करें, पौधा रोपण, पानी में कुछ भी विसर्जन न करें, नशा मुक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि संदेश देने की कोशिश की गई। ये यात्रा 16 जिलों से होकर गुजरी। उज्जैन, इंदौर, भोपाल, जबलपुर और भी कई। 

इस अभियान को और बढ़ावा देने के लिए एक मानव श्रंखला भी बनाई गई। 9 जनवरी को होशंगाबाद जिले में नागरिकों के समर्थन से मानव श्रंखला का विश्व रिकॉर्ड बनाया। 78 स्थान  पर 125 किमी तक 25 हजार लोगों की श्रंखला बनाई गई।  नर्मदा नदी भले ही एमपी में स्थित है, लेकिन इसका जुड़ाव देश से है। यह भारतीय उप महाद्वीप की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है।
 

ये है उद्देश्य

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नदी की साफ-सफाई, तटों की सफाई

जल संरक्षण और नदी कछार क्षेत्र का विकास

प्रदूषण का नियंत्रण


पौधा रोपण और तटीय क्षेत्र का संरक्षण

नशा मुक्त अभियान 


बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ अभियान 

नदी के संरक्षण और संसाधनों को सुनिश्चित करना 

सीएम चौहान ने कई बड़ी घोषणाएं भी की थी