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PM मोदी ने मन की बात में किया जिनका जिक्र, ये हैं वो दोनों वीरंगनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में 36वीं बार राष्‍ट्र को संबोधित किया। उन्‍होंने अपने संबोधन में कई मुद्दों को उठाया। इस दौरान...

PM मोदी ने मन की बात में किया जिनका जिक्र, ये हैं वो दोनों वीरंगनाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 24 Sep 2017 07:18 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में 36वीं बार राष्‍ट्र को संबोधित किया। उन्‍होंने अपने संबोधन में कई मुद्दों को उठाया। इस दौरान उन्‍होंने दो वीरांगनाओं का भी जिक्र किया। इनके सैनिक पति दुश्‍मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्‍त हो गए, लेकिन दोनों ने हिम्‍मत नहीं हारा और लेफ्टिनेंट के तौर पर सेना में शामिल हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'महिला शक्‍ति व देश भक्‍ति की अनूठी मिसाल देखने को मिला। भारतीय सेना को लेफ्टिनेंट स्वाति और निधि के रूप में दो वीरांगनाएं मिली हैं और वे असामान्य वीरांगनाएं है। असामान्य इसलिए हैं कि मां भारती की सेवा करते-करते स्वाति और निधि के पति शहीद हो गए थे।' लेफ्टिनेंट स्वाति महादिक और निधि दुबे हाल में ही इंडियन आर्मी में सैन्य अधिकारी के तौर पर शामिल हुईं हैं। साहस और दृढ़ संकल्प का अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए दोनों महिलाएं 11 महीनों का कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद सेना में अधिकारी के तौर पर शामिल हुईं।

स्‍वाति महादिक की पूरी कहानी
दो साल पहले जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्नल संतोष महादिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। 38 साल की स्वाति महादिक दो बच्चों की मां हैं और आर्मी आर्डिनेंस कोर ने उन्हें सेना में अधिकारी के रूप में शामिल किया। कर्नल महादिक सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के अधिकारी थे और उनके सहर्किमयों के अनुसार वह हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे। कर्नल महादिक को उनकी वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था। स्वाति अपने पति के पदचिह्नों का पालन करते हुए पिछले साल अक्‍टूबर में सेना के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) का हिस्सा बनी थीं। स्वाति को सेना में ऑफिसर बनने के लिए एसएसबी की कठिन परीक्षा पास करनी पड़ी। उनके जज्बे को देखते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ने उन्हें उम्र में छूट दी थी ताकि वो एसएसबी की परीक्षा में बैठ सकें।

वीरांगना निधि दुबे की कहानी
मध्यप्रदेश के सागर की रहने वाली निधि दुबे नाम की एक और वीरांगना अधिकारी के तौर पर सेना में शामिल हुईं। निधि के पति सेना में नायक थे। पति की मौत के दौरान निधि गर्भवती थीं। पति नायक मुकेश दुबे के गुजरने के बाद उनकी जिंदगी मुश्किल हो गई। ससुराल वालों ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया, लेकिन निधि ने हिम्मत नहीं हारी। अपनी मेहनत और लगन के बल पर वो आर्मी में ऑफिसर बनीं।

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