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कारगिल विजय दिवसः वीसी की मांग- JNU में लगे आर्मी टैंक, ताकि...

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को 'कारगिल विजय दिवस' मनाया गया। बता दें कि साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत की याद में  'कारगिल विजय...

कारगिल विजय दिवसः वीसी की मांग- JNU में लगे आर्मी टैंक, ताकि...
नयी दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम Mon, 24 Jul 2017 11:28 AM
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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार को 'कारगिल विजय दिवस' मनाया गया। बता दें कि साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत की याद में  'कारगिल विजय दिवस' मनाया जाता है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने सरकार से यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक टैंक खड़ा करने की मांग की है। 

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने टैंक खड़ा करने की मांग करते हुये कहा कि यह टैंक जेएनयू स्टूडेंट्स में सेना के प्रति प्रेम की भावना जगाएगा। कुलपति एम. जगदीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जनरल वीके सिंह से गुजारिश की कि वे विश्वविद्यालय को सेना का एक टैंक दिलवाने में मदद करें। कुलपति के मुताबिक टैंक को कैंपस में एक प्रमुख स्थान पर लगाया जाएगा ताकि वह छात्रों को सेना के बलिदानों की याद दिलाता रहे। आपको बता दें कि जेएनयू में पहली बार करगिल विजय दिवस का आयोजन किया गया था। 

आपको बता दें कि "राष्ट्रवाद पैदा करने" के लिए जेएनयू परिसर में एक सैन्य टैंक को रखने का विचार 9 फरवरी, 2016 को आयोजित उस कार्यक्रम के बाद ही आया है जिसमें कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगने के कारण छात्रों को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 

गौरतलब है कि जेएनयू के भीतर कई बार विवाद हो चुका है और वहां के कुछ छात्रों पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप भी लगा था।  उन पर अभी मामला भी चल रहा है और दिल्ली पुलिस की जांच जारी है। पिछले साल कथित भारत-विरोधी नारेबाजी के कारण जेएनयू विवादों में घिरा रहा था। 

जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने कारगिल के शहीदों के परिजन और पूर्व सैनिकों के संगठन 'वेटरंस इंडिया' के सदस्यों के साथ 2,200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला और जेएनयू के कन्वेंशन सेंटर, जहां परमवीर चक्र से सम्मानित जवानों की तस्वीरें लगाई गई थीं, में स्थित  'वॉल ऑफ' पर श्रद्धांजलि अपर्ति की। कार्यक्रम में थलसेना बैंड का भी एक कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर, कारगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिवार की महिला सदस्यों को सम्मानित किया गया। 

जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कार्यक्रम को 'ऐतिहासिक' करार दिया और कहा कि यह थलसेना और देश के अन्य सुरक्षा बलों के बलिदान को याद करने के लिए एक अहम दिन था।
 
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जेएनयू ने सेना को सम्मान देने का एक उदाहरण दिया। वहीं, देश के पूर्व सेनाध्यक्ष और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भारतीय सेना के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। प्रधान ने कहा कि जेएनयू ने भारतीय सैनिकों का सम्मान कर पूरे देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। मैं जेएनयू के कुलपति को इस कार्यक्रम के आयोजन पर ढेर सारी बधाई देता हूं। ये कार्यक्रम ऐतिहासिक था और सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय भी है। 


 

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