100 करोड़ की प्रॉपर्टी और बच्ची को छोड़कर यह शख्स बना संत, पत्नी इस वजह से नहीं ले सकी दीक्षा
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले सुमित जैन शनिवार को संत बन गए। हालांकि, उनकी पत्नी अनामिका को भी दीक्षा लेनी थी, लेकिन कुछ वजहों से नहीं ले सकीं। बता दें कि दोनों 100 करोड़ की प्रॉपर्टी और...
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले सुमित जैन शनिवार को संत बन गए। हालांकि, उनकी पत्नी अनामिका को भी दीक्षा लेनी थी, लेकिन कुछ वजहों से नहीं ले सकीं। बता दें कि दोनों 100 करोड़ की प्रॉपर्टी और अपनी तीन साल की बच्ची को छोड़कर दीक्षा ले रहे थे।
संत बनने की दीक्षा दिलाने का यह कार्यक्रम गुजरात के सूरत में हुआ। 35 वर्षीय सुमित राठौड़ को आचार्य रामलाल जी महराज ने दीक्षा दिलाई। अब वे सुमित मुनि से पहचाने जाएंगे।
रामलाल जी महराज ने बताया कि सुमित की पत्नी अनामिका की संत की दीक्षा कुछ कागजी कार्रवाई पूरी होने की बाद की जाएगी। हालांकि, वह किस तारीख को संत बनेंगी, इस बारे में कुछ नहीं बताया जा सका है।
इस मामले में कई लोगों ने सुमित और अनामिका के निर्णय का विरोध किया था। कुछ लोगों ने दोनों के इस फैसले के खिलाफ मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत भी की। उनका कहना था कि चूंकि उनकी बेटी महज तीन साल की है, इसलिए यह मानवाधिकार का उल्लंघन है।
सुमित के रिश्तेदार संदीप राठौड़ ने हमारे सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि स्थानीय सरकार के कुछ अधिकारियों ने समुदाय के नेताओं से बात की है। संदीप का कहना है कि वे अनामिका के संत लेने की दीक्षा टलने की वजह से काफी संतुष्ट हैं। वहीं, आरटीआई एक्टिविस्ट कपिल शुक्ला ने कहा कि अनामिका कम से कम तब तक दीक्षा न ले जब तक उसकी बेटी बड़ी न हो जाए।
सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में सुमित बने संत
शनिवार को सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में सुमित ने संत की दीक्षा ली। इसके लिए उनके बाल को काटा गया और सफेद कपड़ा पहनाया गया। जैन समुदाय के महराज उदय मुनि ने बताया कि यहां धार्मिक आजादी होने की वजह से कोई भी अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। बता दें कि सुमित और अनामिका पिछले कई महीनों से अलग रह रहे थे। दोनों की शादी चार साल पहले हुई थी और उनकी एक बेटी भी है।
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