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सावधान: टैक्स रिटर्न में नहीं दी पूरी जानकारी तो आयकर विभाग खंगालेगा फेसबुक खाता

सोशल मीडिया पर नई कार, घर या छुट्टियों की तस्वीरें डालकर बधाई पाना शायद ही किसी को न भाता हो। लेकिन अगर आप टैक्स रिटर्न में ये जानकारियां नहीं देते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि सरकार अगस्त से आपके...

सावधान: टैक्स रिटर्न में नहीं दी पूरी जानकारी तो आयकर विभाग खंगालेगा फेसबुक खाता
नई दिल्ली, श्रुति श्रीवास्तवSat, 29 Jul 2017 09:06 AM
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सोशल मीडिया पर नई कार, घर या छुट्टियों की तस्वीरें डालकर बधाई पाना शायद ही किसी को न भाता हो। लेकिन अगर आप टैक्स रिटर्न में ये जानकारियां नहीं देते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि सरकार अगस्त से आपके फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया खातों को खंगालना शुरू करने वाली है।

सरकार बैंक खातों समेत चल-अचल संपत्तियों और सोशल मीडिया पर आपकी जीवनशैली का खुलासा करने वाली पोस्टों से मिलान करेगी, ताकि खर्चों और आय के स्रोतों का मिलान किया जा सके। इस पूरी कवायद का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को कर ढांचे के दायरे में लाना है।

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नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया स्र्कैंनग से कर अधिकारियों को घरों या कार्यालयों पर बिना छापेमारी यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या लोग थोड़ा बहुत कर चुकाकर सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं।  फिलहाल क्रेडिट कार्ड खर्च, प्रापर्टी, स्टॉक निवेश, नकद खरीद और जमा का मौजूदा डाटा भी नए सिस्टम में भेज दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर खर्च संबंधी गतिविधियों की पड़ताल से टैक्स से मिलान के बाद केंद्रीय टीम डाक या ईमेल से संदिग्ध नागरिकों को संदेश भेजेगी कि वे अपने टैक्स रिटर्न भरें। 

अगले साल से कवायद तेज

प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में डाटा विश्लेषण के जरिये सूचनाओं को छांटा जाएगा। खर्च और टैक्स में गड़बड़ी के संदिग्ध मामलों में जांच होगी। तीसरा और अंतिम चरण मई 2018 से प्रारंभ होगा, जब एडवांस सिस्टम संदिग्ध कर चोरों की पहले ही पहचान कर लेगा।

1,000 करोड़ का प्रोजेक्ट 

सरकार ने प्रोजेक्ट इनसाइट के तहत दुनिया का सबसे बड़ा बायोमीट्रिक आइडेंटिटी डाटाबेस तैयार किया है। इस पर सात साल में 1,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसके लिए भारत के सबसे बड़े इंजीनिर्यंरग समूह लार्सन एंड टुब्रो की सेवाएं ली गई हैं।

ब्रिटेन ने बड़ी कामयाबी पाई 

ब्रिटेन ने सोशल मीडिया खातों पर नजर रखने के लिए 2010 में कनेक्ट डाटासेंटर शुरू किया था। लंदन की फाइनेंशियल अकाउंटेंट की दिसबंर 2016 की रिपोर्ट के अनुसार, इसके जरिये कर अधिकारियों ने करीब 350 अरब रुपये की कर चोरी पकड़ी है। कर चोरी को लेकर कानूनी कार्रवाई के मामले भी 165 से बढ़कर 1165 हो गए हैं। 

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