खुलेगा राजः इराक से अगवा भारतीयों का चलेगा पता, परिजनों का डीएनए मोसुल भेजेगी सरकार
आतंकी संगठन आईएस द्वारा 2014 में अगवा किए गए 39 भारतीय युवाओं के जीवित या मृत होने की पुष्टि के लिए उनके परिजनों का डीएनए मोसुल भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने इराक सरकार के अनुरोध पर संबंधित राज्य...
आतंकी संगठन आईएस द्वारा 2014 में अगवा किए गए 39 भारतीय युवाओं के जीवित या मृत होने की पुष्टि के लिए उनके परिजनों का डीएनए मोसुल भेजा जाएगा। केंद्र सरकार ने इराक सरकार के अनुरोध पर संबंधित राज्य सरकारों को युवकों के परिजनों के डीएनए एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। इराक सरकार मोसूल से मिले अवशेषों से इन डीएनए की जांच करेगी।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के पास इन युवाओं के जीवित होने के कोई सबूत नहीं हैं। सरकार सच जानने के लिए लगातार इराक सरकार के संपर्क में है। इराक ने मोसुल को आईएस के कब्जे से मुक्त कराने के बाद पूरे इलाके की पड़ताल की है। कई जगहों पर उन्हें बिना पहचान वाली लाशें और कुछ शरीर के अवशेष मिले हैं। इराक सरकार भारत से भेजे गए डीएनए की जांच से इन अवशेषों का मिलान करेगी। जिसके बाद भारतीय युवाओं के जीवित या मृत होने का सच सामने आएगा।
सुषमा ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा
विदेश मंत्री ने पंजाब समेत चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा। हालाकि सरकार अभी भी जुलाई में सुषमा स्वराज के संसद में दिए बयान पर कायम है। सुषमा ने तब एक सवाल के जवाब में कहा था कि जिस दिन उनके पास इन युवाओं के जिंदा या मृत होने की कोई पक्की सूचना आएगी वह उसे सार्वजनिक करेंगी। सदन के चालू सत्र या ट्विटर पर इस सूचना को देश से साझा किया जाएगा।
यह विवाद हुआ था
इस मामले में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया था जब इराक से जानकारी मिली कि उस जेल परिसर को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था जिसमे युवाओं को कैद करने का दावा किया जा रहा था। विपक्ष ने संसद में सरकार पर गुमराह करने का आरोप लगाया था।
पंजाब के 14 परिवारों के सैंपल लिए
केंद्र सरकार के आदेश के बाद पंजाब के 14 परिवारों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। इनमें अमृतसर के आठ, गुरदासपुर और बटाला के तीन-तीन परिवार शामिल हैं। डीएनए सैंपल एकत्र करने का काम अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के सरकारी अस्पताल में हुआ।
शुक्रवार रात को संबंधित परिवारों को पुलिस ने सूचना दी और उन्हें अस्पताल पहुंचकर सैंपल देने को कहा गया। इस पर अमृतसर जिले के आठ और गुरदासपुर जिले के तीन परिवार के लोग शनिवार सुबह अस्पताल पहुंचे। इधर, बटाला में भी तीन परिवारों के सैंपल जुटाए गए। सैंपल की रिपोर्ट केंद्र सरकार के जरिए इराक भेजी जाएगी। इराक में फंसे भारतीय युवकों की रिहाई के लिए लड़ाई लड़ रही एक नौजवान की बहन गुरपिंदर कौर ने बताया कि वह इस बारे में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत करने की कोशिश कर रही है लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिल रही है। गुरपिंदर ने बताया कि उन्हें केवल इतना पता है कि डीएनए सैंपल सोमवार तक दिल्ली भेजे जाएंगे। उसके बाद विदेश मंत्रालय इस मामले में आगे की कार्यवाही करेगा।
यह है मामला
2014 में इराक के मोसुल में एक परियोजना में काम कर रहे 39 भारतीयों को अगवा कर लिया गया था। इसके पीछे इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड अल-शाम (आईएसआईएस) आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इराक के मोसुल शहर से जब इन भारतीयों को निकाला जा रहा था, तभी इन्हें अगवा किया गया था। सुन्नी जेहादियों ने मोसुल शहर को अपने कब्जे में कर लिया था। तभी से भारतीय सरकार इन्हें छुड़ाने का प्रयास कर रही है।