सेना जम्मू-कश्मीर में निर्णय लेने को स्वतंत्र : जेटली
जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सेना के अधिकारी युद्ध जैसे क्षेत्र में निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं। रक्षा मंत्री का यह बयान सेना...
जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सेना के अधिकारी युद्ध जैसे क्षेत्र में निर्णय करने के लिए स्वतंत्र हैं।
रक्षा मंत्री का यह बयान सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी चौकियों पर गोलाबारी हमले की बात का खुलासा करने के एक दिन बाद आया है। जेटली ने कहा, सैन्य समाधान सैन्य अधिकारियों द्वारा मुहैया कराए जाएंगे। युद्ध जैसे क्षेत्र में जब आप हो तो स्थितियों से कैसे निबटा जाए, हमें अपने सैन्य अधिकारियों को निर्णय करने देने की अनुमति देनी होगी।
उन्होंने कहा, उन्हें संसद के सदस्यों से विचार-विमर्श नहीं करना होगा कि इस प्रकार की परिस्थिति में क्या करना चाहिए। जेटली की यह टिप्पणी मेजर लीतुल गोगोई के उस कदम का समर्थन करते हुए भी प्रतीत हो रही थी जिसके तहत उन्होंने पत्थरबाज को जीप में बांध दिया था।
सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी स्वांग: उमर
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्थरबाज को मानव ढाल बनाने के मामले में मेजर लीतुल गोगोई के विरुद्ध सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को स्वांग बताया।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मेजर को आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके सतत प्रयासों के लिए हाल ही में प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया। जिसके बाद अब्दुल्ला की यह टिप्पणी आई है।
अब्दुल्ला ने टिवटर पर लिखा, भविष्य में, कपया सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का तमाशा करने का कष्ट ना उठाए। साफ तौर पर जो अदालत मायने रखती है वह है जनमत की अदालत। अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार मानवाधिकार उल्लंघनों के मुददों पर दोहरे मापदंड अपना रही है।
यह सेना की अनुचित परंपरा : तारिगामी
माकपा के वरिष्ठ नेता और कुलगाम के विधायक एमवाई तारिगानी ने मेजर लीतुल गोगोई के सम्मान को भड़काऊ बताया। उन्होंने कहा, यह सेना की अनुचित परंपरा है।