फॉर्च्यून - चंदा कोचर दुनिया की 5वीं सबसे शक्तिशाली महिला, शिखा शर्मा भी सूची में
भारतीय महिलाएं दुनियाभर में धूम मचा रही हैं। दुनिया की प्रतिष्ठित मैगजीन फॉर्च्यून ने इस बार की सूची मेंतीन भारतीय महिलाओं को उच्चतम श्रेणी में रखा है।
धूम मचा रही भारतीय महिलाएं
भारतीय महिलाएं दुनियाभर में धूम मचा रही हैं। दुनिया की प्रतिष्ठित मैगजीन फॉर्च्यून ने इस बार की सूची मेंतीन भारतीय महिलाओं को उच्चतम श्रेणी में रखा है। भारत की टॉप बैंकर चंदा कोचर और शिखा शर्मा अमेरिका से बाहर 5 वीं और 21 वीं सबसे शक्तिशाली महिला हैं जबकि अमेरिका में भारतीय मूल की इंदिरा नूई टॉप-2शक्तिशाली महिलाओं में शामिल हैं। चंदा कोचर पिछले साल भी 5वीं सबसे शक्तिशाली महिला थीं। पत्रिका ने अमेरिका और अमेरिका से बाहर रह रहीं महिलाओं की अलग से रैंकिंग जारी की है।
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इंदिरा नूई दूसरी सबसे शक्तिशाली महिला
अमेरिकी कंपनी पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई अमेरिका की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में नंबर दो पर काबिज हैं। नूई नंबर एक पर अमेरिकी कंपनी जनरल मोटर्स की सीईओ मैरी बारा से थोड़े ही अंकों से पीछे हैं। अमेरिका की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में लॉकहीड मार्टिन की चेयरमैन और सीईओ मैरीलीन ह्यूसन ने तीसरा स्थान हासिल की हैं। अंतरराष्ट्रीय सूची में जीएसके की सीईओ एमा वाल्मस्ले को दूसरा स्थान हासिल हुआ है जबकि इंजी की सीईओ इजाबेले तीसरे स्थान पर काबिज रही हैं।
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एक्सिस बैंक की सीईओ शिखा शर्मा डिजिटल पेमेंट को दे रही हैं तरजीह
फॉर्च्यून पत्रिका ने कोचर के बारे में लिखा है कि चंदा पिछले 8 साल से आईसीआईसीआई बैंक का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व से आईसीआईसीआई बैंक को भारत का सबसे बड़ा निजी ऋण प्रदाता बैंक बना दिया है। वहीं एक्सिस बैंक की सीईओ और एमडी शिखा शर्मा के बारे में पत्रिका ने लिखा है कि शिखा शर्मा फिर से एक्सिस बैंक की सीईओ बन गई हैं। शिखा इस बार बैंक की डिजिटल सर्विसेज को ज्यादा तरजीह दे रही हैं। बैंक अपने डिजिटल पेमेंट ऐप के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है।
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11 नई शक्तिशाली महिलाओं की एंट्री
पिछले 17 साल से फॉर्च्यून पत्रिका अमेरिका से बाहर सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची जारी कर रही है। इस बार इस सूची में 50 वैश्विक बिजनेस वूमेन को शामिल किया है, जो 17 देशों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसमें इस साल 11 नई शक्तिशाली महिलाओं ने दस्तक दी हैं। रैंकिंग को बनाने में चार मानकों को ध्यान में रखा जाता है। जिस कंपनी का नेतृत्व महिला के हाथ में है, उसका आकार और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उस महिला का कितना महत्व है, बिजनेस का नेतृत्व कैसे करती हैं, महिला का कॅरियर किस हद तक कंपनी को आगे ले जा रहा है और महिला ने सामाजिक और सांस्कृतिक दायरे को किस तरह प्रभावित किया है।
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कौन हैं चंदा कोचर
चंदा कोचर 1983 से आईसीआईसीआई से जुड़ी हुई हैं। 2001 में वह बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से जुड़ीं और तब से विभिन्न सीढ़ियों को चढ़ती हुई 2009 में बैंक की सीईओ और एमडी बन गईं। चंदा ने आईसीआईसीआई को देश का सबसे बड़ा निजी बैंक बना दिया। 55 साल की चंदा ने जयपुर से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। इसके बाद मुंबई में जयहिंद कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। बेहद मेधावी छात्रा रहीं चंदा जमनालाल बजाज मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से गोल्ड मैडलिस्ट रहीं। उन्होंने दो-दो विषयों में गोल्ड मेडलिस्ट हासिल की है। 1984 से ही वे आईसीआईसीआई बैंक से जुड़ी हैं।