सुबोध ने बचायी पार्टी की प्रतिष्ठा
रांची संसदीय सीट पर कड़े संघर्ष में भाजपा प्रत्याशी रामटहल चौधरी को पराजित कर सुबोधकांत सहाय ने झारखंड में पार्टी की लाज बचा ली। भाजपा के गढ़ में दूसरी बार झंडा फहरा कर उन्होंने साबित किया कि केवल...
रांची संसदीय सीट पर कड़े संघर्ष में भाजपा प्रत्याशी रामटहल चौधरी को पराजित कर सुबोधकांत सहाय ने झारखंड में पार्टी की लाज बचा ली। भाजपा के गढ़ में दूसरी बार झंडा फहरा कर उन्होंने साबित किया कि केवल जातिगत गणना से ही चुनाव नहीं जीता जा सकता है। इसके इतर भी जनता का दिल जीतने के कुछ और करना जरूरी है।ड्ढr वैसे तो चुनाव की घोषणा के साथ ही सुबोधकांत का ग्राफ रांची ऊंचा था। 13 मई को नरंद्र मोदी की सभा तक राजधानी की जनता सुबोधकांत सहाय को ही एमपी मान कर चल रही थी। पर मोदी की सभा के साथ ही रांची की फिाा कुछ बदली। रामटहल चौधरी संघर्ष में दिखने लगे। मतगणना के शुरुआती दौर में सुबोधकांत के आगे होने और फिर पीछे हो जाने से कांटे का संघर्ष साफ दिखा भी। लेकिन मतगणना के अंतिम चक्रों में फिर सुबोधकांत सहाय के लगातार बढ़त बनाते जाने से भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया। लगभग चार बजते-बजते 22 राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस ने लगभग 14 हाार मतों की बढ़त बना ली, शाम पांच बजे सुबोधकांत सहाय भी मतगणना स्थल पर पहुंच गये। उसके बाद तो मतगणना स्थल पर ढोल, नगाड़े और विजयी नारों में पूरा मतगणना स्थल शोर में डूब गया।