लौहनगरी में रथयात्रा: जगन्नाथ की भक्ति में झूमे भक्त,मनाया नेत्रोत्सव
विभिन्न धर्म और संप्रदाय को आपस में समेटी लौहनगरी एक बार फिर भक्तिमय हो उठी है। भगवान जगन्नाथ के नेत्रोत्सव पर मजदूरों के इस शहर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई पड़ा है। इस उत्सव का...
लौहनगरी में रथयात्रा: जगन्नाथ की भक्ति में झूमे भक्त,मनाया नेत्रोत्सव
विभिन्न धर्म और संप्रदाय को आपस में समेटी लौहनगरी एक बार फिर भक्तिमय हो उठी है। भगवान जगन्नाथ के नेत्रोत्सव पर मजदूरों के इस शहर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम दिखाई पड़ा है। इस उत्सव का इंतजार न सिर्फ उड़ियाभाषी को रहता है, बल्कि पूरे पूर्वी सिंहभूम के लोगों का जमावड़ा जमशेदपुर में होता है।
नेत्रोत्सव पर मंदिरों की छटा देखते ही बनती थी। चाहे बिष्टूपुर का राममंदिर हो, गांधी आश्रम हो या बाराद्वारी हर जगह नेत्रोत्सव के कारण ऐसी भीड़ लगी रही कि मानो समय कुछ पल के लिए थम सा गया हो। 15 दिनों से बीमार पड़े जगन्नाथ प्रभु ने आंखें खोली तो उनके जयकारे से पूरा असामान गूंज उठा। गंगाजल और गुलाब जल से भगवान को स्नान कराया गया तो लोग बरबस उनके भजनों में डूब गए। रथ की पूजा-अर्चना की गई। लाल रंग का ध्वज रथ के सबसे ऊपर बांधा गया। स्थानीय कलाकारों ने भजन कीर्तन किया।
बेल्डीह नागा मंदिर में नेत्रोत्सव पर आस्था की बारिश
बेल्डीह नागा मंदिर में पुजारी शशि तिवारी ने मयूर पंख से भगवान जगन्नाथ का नेत्र उतारा। गंगा जल से स्नान के बाद नया वस्त्र धारण कराया। अन्न का भोग लगाया गया। अब सभी को रथयात्रा की प्रतीक्षा है जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।