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आदिवासी हस्तशिल्प को मुकाम दे रहा है ट्राइफेड

केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ मर्यादित (ट्राइफेड) देश विदेश के आदिवासियों की हस्तकला और लघु वनोपज का मुकाम दे रहा है। मंगलवार को अशोक नगर में रांची...

आदिवासी हस्तशिल्प को मुकाम दे रहा है ट्राइफेड
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 18 Oct 2017 12:09 AM
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केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ मर्यादित (ट्राइफेड) देश विदेश के आदिवासियों की हस्तकला और लघु वनोपज का मुकाम दे रहा है। मंगलवार को अशोक नगर में रांची में इसके क्षेत्रीय कार्यालय का समारेाहपूर्वक उद्घाटन किया गया। कल्याण सचिव हिमानी पांडेय ने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की पारंपरिक कला के विकास की यह शुरुआत है। कार्यालय के साथ शोरूम का भी उद्घाटन किया गया। इससे आदिवासी पारंपरिक कला को मंच मिलेगा।कल्याण सचिव ने कहा कि ट्राइफेड के शोरूम में अन्य राज्यों के भी पेंटिंग भी प्रदर्शित की गई है। झारखंड की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लाह की चूड़ियां बना कर रखी जा रही हैं। असम की चाय, आंध्र प्रदेश का हर्बल साबुन उपलब्ध है। इससे झारखंड के लोगों को दूसरे राज्यों की कला और संस्कृति की जानकारी मिलेगी। ट्राइफेड के क्षेत्रीय एडी मिश्र ने कहा कि ट्राइफेड झारखंड की कला संस्कृति व खाद्य पदार्थ की अन्य राज्यों में पहचान दिलायी जा रही है। दुमका के काष्टकला से निर्मित गृह सामग्रियां भी उपलब्ध हैं। इस अवसर पर झास्कोलैंप के प्रबंध निदेशक रामकुमार ने कहा कि झास्कोलैंप और ट्राइफेड दोनों मिल कर राज्य की आदिवासी हस्तकला एवं हस्तशिल्प को देश में पहचान दिलाने का प्रयास किया जायेगा।

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