नवजात बच्ची को खेत में फेंका, दूसरी महिला ने अपनाया
चंदवा थाना क्षेत्र की एक कलियुगी मां ने लोकलाज के भय से नवजात बच्ची को खेत में फेंक कर मौत के मुंह में धकेल दिया। अपने काम के लिए खेत में गई राजो मासोमात ने नवजात बच्ची को देख कर गांव के लोगों को...
चंदवा थाना क्षेत्र की एक कलियुगी मां ने लोकलाज के भय से नवजात बच्ची को खेत में फेंक कर मौत के मुंह में धकेल दिया। अपने काम के लिए खेत में गई राजो मासोमात ने नवजात बच्ची को देख कर गांव के लोगों को सूचना दी और बच्ची को गले से लगा लिया। बच्ची मिलने की खबर आसपास में भी फैल गई।
कहां का है मामला
थाना क्षेत्र के जोबिया ग्राम में खेत में काम के लिए गई राजो को सुबह खेतों के बीच पड़ी नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर महिलाएं नजदीक पहुंची तो देखा कि एक नवजात बच्ची पड़ी थी। सूचना पर गांव व आसपास के लोग एकत्र हो गए। लावारिस बच्ची को राजो ने अपना लिया। राजो के पति नहीं है उसका एक 20 वर्षीय बेटा रोमित उरांव है। वह बहन पाकर खुश है।
ऊपर वाला बना रहा रखवाला
कई घंटे तक खेत में खुले आसमान के नीचे पड़ी होने के बावजूद नवजात को कहीं खरोच तक नहीं आई। इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड से लेकर खेतों में गायों के झुंड भी घूमते रहते हैं, लेकिन बच्ची सुरक्षित पड़ी रही। ग्रामीणों की माने तो बच्ची को मरने के लिए भले ही कलियुगी मां ने लावारिस हालत में फेंक दिया था, लेकिन ऊपर वाला उसका रखवाला बना रहा। भूख से तड़पती बच्ची को गांव की ही एक अन्य महिला ने अपना दूध पिलाया। बच्ची को चंदवा सीएचसी लाया गया है, जहां उसका का इलाज चल रहा है। नवजात बच्ची डेढ़ किलो की है।