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बिना उपचार कराए रिम्स से लौट गए बच्चे

सोनाहातू की प्रतिमा अपने साढ़े तीन महीने की बच्ची का इलाज कराने रिम्स आयी थी। लगभग चार घंटे तक वह बच्चा वार्ड (एसएनसीयू) के बाहर इंतजार करती रही, लेकिन जब उसके बच्चे को देखने के लिए अंदर नहीं बुलाया...

बिना उपचार कराए रिम्स से लौट गए बच्चे
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 20 Aug 2017 01:07 AM
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सोनाहातू की प्रतिमा अपने साढ़े तीन महीने की बच्ची का इलाज कराने रिम्स आयी थी। लगभग चार घंटे तक वह बच्चा वार्ड (एसएनसीयू) के बाहर इंतजार करती रही, लेकिन जब उसके बच्चे को देखने के लिए अंदर नहीं बुलाया गया तो वह लगभग ढाई बजे रिम्स से लौट गई। प्रतिमा अकेली ऐसी महिला नहीं है जिसे रिम्स से बिना उपचार कराए लौटना पड़ा। उसके साथ एसएनसीयू के बाहर सोनाहातू की ही सरिता देवी भी बच्ची को दिखाने के लिए इंतजार कर रही थी। लेकिन उसे भी निराश लौटना पड़ा। जिस समय ये दोनों महिलाएं गोद में बीमार बच्चों को लिए अस्पताल की सीढ़ी पर बैठ डॉक्टर के बुलाने का इंतजार कर रही थी। शिशु विभाग के एचओडी डॉ एके चौधरी अपने चेंबर में दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से मिल रहे थे। प्रतिमा ने बताया कि उसकी बच्ची यहीं भर्ती थी। 19 मई को उसे यहां से छुट्टी मिली थी। दो-तीन दिनों से फिर तबीयत खराब होने पर वह दिखाने आयी थी। उसी के साथ उसके गांव की सरिता देवी भी अपनी बच्ची को दिखाने आयी थी। दोनों को इमरजेंसी गेट से पहले बच्चा वार्ड भेजा गया। जहां से एसएनसीयू भेजा गया। वह लगभग 11 बजे से एसएनसीयू के बाहर बैठी थी। इस संवाददाता ने उन महिलाओं की तलाश की तो वहां अपने बच्चों का इलाज करा रहे अन्य परिजनों ने बताया कि ढाई बजे के करीब बिना इलाज कराए ही बच्चों को लेकर लौट गई।

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