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40 दिनों में राज्य के सात किसानों ने की आत्महत्या : सुबोधकांत

कांग्रेस नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनहीन हो गई है। राज्य में 40 दिनों में सात किसानों ने आत्महत्या कर ली, जिससे सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। न ही...

40 दिनों में राज्य के सात किसानों ने की आत्महत्या : सुबोधकांत
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 26 Jul 2017 02:04 AM
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कांग्रेस नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनहीन हो गई है। राज्य में 40 दिनों में सात किसानों ने आत्महत्या कर ली, जिससे सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। न ही उनका कर्ज माफी किया गया और न ही उन्हें असली बीज दिए गए। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि बीते साल की तरह इस साल भी सरकार ने किसानों के बीच नकली बीज वितरित किया। पलामू के पांकी में किसानों के बीच नकली बीज बांटे गए। बुआई के 15 दिन बाद भी अंकुर नहीं निकला, जिसकी पुष्टि जिला कृषि पदाधाकिरी एडवर्ड मिंज ने कर दी है। सरकार ने पिछले वर्ष के फसल बीमा का पैसा अबतक नहीं दिया है। राज्य के किसान जब औने-पौने दाम पर अपनी फसल बेच देते हैं, तब सरकार खरीदने की बात करती है। उन्होंने सरकार से किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा से निपटने की कोई रणनीति नहीं बनायी गई है। राज्य में प्राकृतिक आपदा कोष का कोई अस्तित्व नजर नहीं आता है। प्रखंड कार्यालय से लेकर विभागीय कार्यालय तक पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। बुढ़मू के ठाकुरगांव में रामअवतार साहू, जालो मुंडा, सुखदेव मुंडा के घर और उमाकांत पांडेय की चहारदीवारी गिर गई है। लगातार हो रही बारिश से राजधानी के निचले इलाके में पानी भर गया है। बुंडू के तुंजू, सोनाहातू के नावागांव, एडरमहातू और बारेडीह, ओरमांझी, राहे, डकरा और खलारी में कई परिवार बेघर हो गए, लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं की गई। आगे उन्होंने कहा कि कडरू गोदाम में रखे-रखे डेढ़ हजार क्विंटल अनाज सड़ गए। सरकार चाहती तो इससे कई जिंदगियां बचायी जा सकती थीं, परंतु सरकार की मंशा साफ नहीं है।

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