ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड रांचीउद्योगों को राहत, घरों को आफत, औद्योगिक बिजली की दर में 11 फीसदी इजाफा

उद्योगों को राहत, घरों को आफत, औद्योगिक बिजली की दर में 11 फीसदी इजाफा

झारखंड ऊर्जा नियामक आयोग ने बिजली दरों की वृद्धि में उद्योगपतियों को राहत दी है। शहरों को दी जाने वाली घरेलू बिजली की दर में 25 फीसदी इजाफे की जगह उद्योगों को दी जाने वाली बिजली दरों में मात्र 11...

उद्योगों को राहत, घरों को आफत, औद्योगिक बिजली की दर में 11 फीसदी इजाफा
हिन्दुस्तान टीम,रांचीWed, 21 Jun 2017 10:53 PM
ऐप पर पढ़ें

झारखंड ऊर्जा नियामक आयोग ने बिजली दरों की वृद्धि में उद्योगपतियों को राहत दी है। शहरों को दी जाने वाली घरेलू बिजली की दर में 25 फीसदी इजाफे की जगह उद्योगों को दी जाने वाली बिजली दरों में मात्र 11 फीसदी की वृद्धि हुई है। हाईटेंशन विशेष सेवाओं की दर 3.50 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर चार रुपए प्रति यूनिट की गई है। यह 300 केवीए से ऊपर की बिजली सेवाओं के लिए लागू है। उद्योगों को दी जाने वाली हाईटेंशन वोल्टेज आपूर्ति सेवाओं के लिए बिजली की दर में भी लगभग सात फीसदी का इजाफा किया गया है। इसे 5.85 रुपए से बढ़ाकर 6.25 रुपए किया गया है। यह 100 केवीए से ऊपर की मांग वाली सेवाओं के लिए लागू है। झारखंड बिजली वितरण निगम ने इन दोनों बिजली सेवाओं के लिए दर और ज्यादा बढ़ाने की मांग की थी। गैर औद्योगिक कारोबारी सेवाओं में भी बढ़ोतरी राज्य ऊर्जा नियामक आयोग ने अस्तताल, दुकान, रेस्टोरेंट और विद्यालय जैसी गैर औद्योगिक और गैर घरेलू सेवाओं के लिए दी जाने वाली बिजली की दरों में वृद्धि का फैसला किया है। इसके तहत गांवों में दी जाने वाली कारोबारी सेवाओं के लिए बिजली दर 1.90 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर 2.20 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है। यह 15 फीसदी का इजाफा है। यह दो किलोवाट से कम वाली बिजली में 100 यूनिट से कम उपयोग के लिए है। 100 यूनिट से अधिक बिजली के उपयोग पर दर 1.90 रुपए यूनिट से बढ़ाकर 2.25 रुपए यूनिट कर दी गई है। यह 18 फीसदी की बढ़ोतरी है। ग्लो साइन बोर्ड और एडवरटाइजिंग डिस्प्ले बोर्ड जैसी सेवाओं की दी जाने वाली बिजली के लिए अब 6.50 प्रति यूनिट की जगह 6.80 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा। सिंचाई और कृषि सेवाओं पर भी भार प्राइवेट ट्यूबवेल और प्राइवेट लिफ्ट इरीगेशन जैसी सेवाओं के लिए बिजली की दर 65 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर 70 पैसे प्रति यूनिट की गई है। इसी तरह स्टेट ट्यूबवेल और स्टेट लिफ्ट इरीगेशन जैसी सेवाओं के लिए बिजली की दर 1.10 रुपए प्रति यूनिट से बढ़ाकर 1.20 रुपए प्रति यूनिट की गई है। कुल मिलाकर 12.24 फीसदी हुई वृद्धि झारखंड ऊर्जा नियामक आयोग की ओर से दिए गए बिजली दर बढ़ाने के आदेश अगले पांच साल के लिए हैं। लेकिन इनकी हर एक साल बाद समीक्षा होगी। झारखंड बिजली वितरण निगम को अपने लागत और खर्च की ऑडिट रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसी के आधार पर फैसला लिया जाएगा। अभी तक बिजली वितरण निगम ने ऊर्जा नियामक आयोग को 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपी है। झारखंड ऊर्जा नियामक आयोग के सदस्य, तकनीकी रवींद्र नारायण सिंह ने बताया कि झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से बिजली दरों में 67 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि उन्हें 21 फीसदी वृद्धि की अनुमति मिलनी चाहिए। लेकिन आयोग ने कुल मिलाकर 12.24 फीसदी वृद्धि की अनुमति दी है। नई दरों से बिजली वितरण निगम को 5244.85 करोड़ की आमदनी होगी। जबकि मांग 8836.66 करोड़ के लिए दरों में वृद्धि की थी। नियम तोड़कर बढ़ी बिजली दर बिजली दरों को बढ़ाने में झारखंड ऊर्जा नियामक आयोग ने प्रावधान को किनारे किया है। जानकारों के मुताबिक आयोग में अध्यक्ष या कम से कम दो सदस्यों के रहने पर ही बिजली दरों पर फैसला दिया जा सकता है। जबकि आयोग में न तो चेयरमैन हैं और न ही दो सदस्य। आयोग में फिलहाल एकमात्र सदस्य तकनीकी रवींद्र नारायण सिंह ने ही यह आदेश जारी किया है। इस बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि विशेष परिस्थिति में एक सदस्य होने पर भी टैरिफ ऑर्डर जारी करने का प्रावधान है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इस बारे में विशेष परिस्थिति प्रशासनिक और वित्तीय मामलों के लिए है। टैरिफ ऑर्डर पर यह लागू नहीं होता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें