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मालिक छूट गए, बकरे अब भी पुलिस कस्टडी में

बकरे पुलिस की कस्टडी में हैं। उनकी रिहाई के लिए मालिकों को जमानत लेनी होगी। रांची में अवैध मांस की बिक्री पर रोक और वैध बूचड़खानों के नहीं होने से पुलिस के सामने भी एक अजीबोगरीब मामला सामने आया...

मालिक छूट गए, बकरे अब भी पुलिस कस्टडी में
वरीय संवाददाता,रांचीWed, 17 May 2017 06:32 PM
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बकरे पुलिस की कस्टडी में हैं। उनकी रिहाई के लिए मालिकों को जमानत लेनी होगी। रांची में अवैध मांस की बिक्री पर रोक और वैध बूचड़खानों के नहीं होने से पुलिस के सामने भी एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है।

झारखंड में अवैध मांस की बिक्री पर रोक के बाद एसडीओ रांची भोर सिंह यादव ने 26 अप्रैल को कटहलमोड़ के समीप मीट शॉप में छापेमारी की थी।  मीट शॉप चलाने वाले बबलू मंसूरी और साबिर खान को गिरफ्तार किया था। दुकान से 28 बकरों को भी जब्त किया था। बबलू और साबिर पर नगड़ी थाने में पशु क्रूरता अधिनियम का केस दर्ज किया गया। दोनों को पुलिस ने जेल भेजा, लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों की रिहाई हो गई। वहीं बकरे अब भी पुलिस की कस्टडी में हैं। नगड़ी के थानेदार अजय कुमार ने बताया कि जब्त बकरे कोर्ट के प्रदर्श हैं, ऐसे में कोर्ट के आदेश के बगैर उन्हें नहीं छोड़ा जा सकता।

थाने में पुलिसकर्मियों के रहने की जगह नहीं, बकरे संभाल रहा युवक
नगड़ी थाने की स्थिति काफी खराब है। थाना टूटे-फूटे मकान में चलता है। पुलिसकर्मियों के बैरक की स्थिति ठीक नहीं। ऐसे में वहां बकरों को संभाल कर रखना आसान नहीं होता। बकरों की बरामदगी के बाद सभी को एक रात थाने में किसी तरह रखा गया। पुलिसकर्मी बकरे संभाल नहीं सकते थे, ऐसे में थाने के पास के ही एक युवक को सभी 28 बकरे सौंप दिए गए। फिलहाल वह युवक की सारे बकरों की देखभाल कर रहा।

कोर्ट को भेजी गई है मेडिकल रिपोर्ट
रांची के मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट में मालिक ने बकरों की रिहाई के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट में सभी बकरों की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी। बकरों का मेडिकल जांच करा कर कोर्ट भेजा जा चुका है। कोर्ट के आदेश के बाद बकरों को सौंप दिया जाएगा। मीट दुकान संचालकों का दावा था कि बूचड़खानों पर रोक के पहले ही उन्होंने बकरों को अपने स्टोररूम में रखा था।

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