जीवनदान देने के लिए डॉक्टर होना जरूरी नहीं : स्वास्थ्य सचिव
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा है कि जीवनदान देने के लिए डॉक्टर होना जरूरी नहीं है। जीवनदान कह देना अलग बात है और उसका सिद्दत से महसूस करना अलग बात है। रक्तदान से जुड़े लोग...
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा है कि जीवनदान देने के लिए डॉक्टर होना जरूरी नहीं है। जीवनदान कह देना अलग बात है और उसका सिद्दत से महसूस करना अलग बात है। रक्तदान से जुड़े लोग ऐसे ही लोग हैं जो जीवनदान को सिद्दत से महसूस करते हैं कि जीवनदान क्या है। इनकी जितनी भी तारीफ की जाए, कम है। सचिव शुक्रवार को रिम्स ऑडिटोरियम में रक्तदाताओं व रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के द्वारा किया गया था। इस अवसर पर रक्तदान में अहम भूमिका निभाने वाली 55 संस्थाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूरे राज्य से आए विभिन्न संस्था के प्रतिनिधियों के अलावा जेसेक्स के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। एक कैंप में 7500 रक्तदानकार्यक्रम के दौरान एक कैंप में सर्वाधिक 7500 यूनिट ब्लड डोनेशन के लिए टाटा मोटर के भाष्कर चटर्जी व एक कैंप में 848 यूनिट ब्लड डोनेशन के लिए रेड क्रॉस सोसायटी, जमशेदपुर, 24000 यूनिट डोनेशन के लिए वोलेंटरी ब्लड डोनर्स एसोसिएशन जमशेदपुर के एसके सिंह, सुनील मुखर्जी व अन्य को सचिव ने सम्मानित किया। जबकि, लाईफ सेवर्स, रांची के द्वारा 2923 यूनिट ब्लड डोनेशन किए जाने के लिए अतुल गेरा, सागर मदनानी व पम्मी सिंह आदि को अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने सम्मानित किया। फोटो आज के डेट में ब्लड