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कैबिनेट का फैसलाः झारखंड सरकार चलाएगी 743 पालना घर

झारखंड सरकार प्रदेश में 743 पालनाघर चलाएगी। इसमें छह महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चे दिनभर संभाले जाएंगे। इसमें कामकाजी माताओं के ऐसे बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी। झारखंड मंत्रिमंडल ने इसके लिए कुल...

कैबिनेट का फैसलाः झारखंड सरकार चलाएगी 743 पालना घर
हिन्दुस्तान ब्यूरो,रांचीWed, 27 Sep 2017 12:41 AM
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झारखंड सरकार प्रदेश में 743 पालनाघर चलाएगी। इसमें छह महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चे दिनभर संभाले जाएंगे। इसमें कामकाजी माताओं के ऐसे बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी। झारखंड मंत्रिमंडल ने इसके लिए कुल 59 करोड़ 25 लाख 15 हजार रुपए की योजना को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने विभिन्न विभागों के कुल नौ प्रस्तावों को पारित किया।
झारखंड सरकार की ओर से पहले गैर सरकारी संगठनों को अनुदान देकर पालना घरों का संचालन कराया जाता था। राज्य सरकार अब इन पालनाघरों को अधिग्रहित कर खुद से संचालन कराएगी।  इसके लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के तहत छह करोड़ 40 लाख रुपए की मंजूरी दी गई। राज्य सरकार ने यह पहल केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत की है। इस योजना का मकसद कामकाजी माताओं के बच्चों की दिन की अवधि में देखभाल, उनका पोषण, उनके शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और सामान्य समझ के विकास को बढ़ावा देना है।
तीन महीने के भीतर ही जा सकेंगे श्रम न्यायालय
विभिन्न कंपनियों में काम करनेवाले कर्मचारी अब नियोक्ता से होने वाले विवादों के लिए तीन महीने के भीतर ही श्रम न्यायालय में केस दायर कर सकेंगे। इसके बाद उन्हें यह अधिकार नहीं होगा। पहले यह समय-सीमा तीन साल थी। इसके लिए झारखंड मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा (1) में संशोधन को हरी झंडी दी है। मंत्रिमंडल की हरी झंडी के बाद संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा।
उत्पाद विभाग में नि:शक्तों को नहीं मिलेगा आरक्षण
उत्पाद विभाग में निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षक और उत्पाद सिपाही के पदों पर होने वाली नियुक्तियों में नि:शक्त व्यक्तियों को आरक्षण नहीं मिलेगा। राज्य मंत्रिमंडल ने इसे हरी झंडी दी  है। इसके लिए नि:शक्त व्यक्ति (समान अधिकार सुरक्षण एवं पूर्ण भागीदारी) अधिनियम-1995 के प्रभाव से उत्पाद विभाग के तीन पदों की नियुक्तियों को छूट देने की मंजूरी प्रदान की गई।
2500 सहायक पुलिसवालों के लिए मिले 20 करोड़
प्रदेश के उग्रवाद प्रभावित इलाकों के लिए हाल ही में नियुक्त किए गए सहायक पुलिसकर्मियों के वेतन और वर्दी के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 20 करोड़ की राशि की मंजूरी दी है। इन सहायक पुलिस की नियुक्ति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय युवकों के बीच से की गई है। उन्हें राज्य सरकार की ओर से निर्धारित वर्दी भी दी जाएगी।
पप्पू तिवारी को नहीं मिला क्षमा दान
आजीवन कारावास की सजा प्राप्त गढ़वा के पप्पू तिवारी ने राज्यपाल के पास क्षमादान के लिए अपील की थी। इस पर राज्यपाल ने राज्य सरकार से सुझाव मांगा था। राज्य मंत्रिमंडल ने पप्पू तिवारी को क्षमा दान देने से इनकार कर दिया। गढ़वा जिले के हनुमाननगर के रहने वाले पप्पू तिवारी पर 2010 में पांच लोगों के साथ मिलकर विकास कुमार सिंह पर गोली चलाने और चाकू गोदकर मार देने का आरोप है।
रवीश्वर बसाक फिर से बनेंगे कोषागार लिपिक
खाद्य-आपूर्ति निगम के कर्मचारी रहे रवीश्वर बसाक ट्रेजरी लिपिक के रूप में  पदस्थापित थे। निगम के 58 साल की सेवानिवृत्ति के प्रावधानों के तहत उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। उन्होंने राज्य सरकार की नौकरियों में 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति के प्रावधान के तहत दावा करते हुए हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने बसाक के पक्ष को सही करार दिया। राज्य सरकार फिर से उसे दो साल के लिए कोषागार लिपिक के पद पर नियुक्त करेगी।
वित्त विभाग के पीएमयू में 37 पदों की मंजूरी
योजन सह वित्त विभाग की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में नियुक्ति के लिए 37 पदों को मंजूरी दी गई। इनमें प्रोग्रामर के 14 पद, 19 पद सहायक प्रोग्रामर के और चार पद डाटा इंट्री ऑपरेटर के हैं।
वरीय न्यायिक सेवा में पदों का विभाजन
झारखंड वरीय न्यायिक सेवा के सेलेक्शन ग्रेड और सुपर टाइम स्केल में पदों के विभाजन के नियम को मंजूरी दी गई। इसके तहत सेलेक्शन ग्रेड में 10 फीसदी और सुपर टाइम स्केल में 20 फीसदी पद होंगे।
उत्तरी कोयल परियोजना का बनेगा डीपीआर
उत्तरी कोयल परियोजना के तहत कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन के लिए डीपीआर बनाने को मंजूरी दी गई। इसके लिए वित्त नियमावली को शिथिल करते हुए केंद्र सरकार की कंपनी वापकोस लिमिटेड को मनोनयन के आधार पर काम दिया गया।

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