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एसपी मो अर्शी को मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार, पांच नक्सलियों को किया था ढेर

बात 13 मार्च 2015 की है। शीर्ष नक्सली अरविंद के साथ सरगांव इनकाउंटर आमने-सामने हुए था। वह तो बच गया, पर सबजोनल कमांडर भूपेश ऊर्फ नागा सहित पांच अन्य नक्सली मारे गए थे। उसके बाद भी अरविंद के साथ 20...

एसपी मो अर्शी को मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार, पांच नक्सलियों को किया था ढेर
हिन्दुस्तान टीम,रांचीMon, 14 Aug 2017 08:14 PM
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बात 13 मार्च 2015 की है। शीर्ष नक्सली अरविंद के साथ सरगांव इनकाउंटर आमने-सामने हुए था। वह तो बच गया, पर सबजोनल कमांडर भूपेश ऊर्फ नागा सहित पांच अन्य नक्सली मारे गए थे। उसके बाद भी अरविंद के साथ 20 दिनों में तीन इनकाउंटर हुआ। वह हर बार बचा, पर नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले एसपी मो अर्शी ने सोमवार को हिन्दुस्तान के साथ खास बातचीत में उक्त बातें कही। उन्होंने बताया कि हमेशा से ही उन दिनों गुमला में बतौर डीएसपी पहली पोस्टिंग थी। संयोग से घटना के दिनों में तत्कालीन एसपी भी छुट्टी पर थे, तो जिले की जिम्मेवारी भी मुझपर ही थी। सटीक सूचना पर हम ऑपरेशन में निकले। वहां पहुंचते ही नक्सलियों ने हमला कर दिया। बचाव में हमें भी फायरिंग करनी पड़ी। उसके बाद अरविंद अपने साथियों के साथ भागने में सफल रहा। अरविंद के साथ मेरे नेतृत्व में झारखंड में पहला इनकाउंटर था। ऐसे नक्सलियों के साथ उनका यह 17-18वां ऑपरेशन था। हर ऑपरेशन के साथ चुनौती भी थी। उन्होंने बताया कि यह मेरी आदत भी है कि हमेशा चुनौतियों को स्वीकार करता रहा। नक्सलियों के साथ सरगांव इनकाउंटर अबतक का सबसे क्लोज था। उन्होंने कहा कि नक्सल लगातार कमजोर पड़े हैं। उसके लिए पुलिस ने बहुत काम किए हैं। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में वह बतौर ग्रामीण एसपी की जिम्मेवारी भी निभाई है। वहां भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार काम हुआ। पुरस्कार मिलने पर उन्होंने कहा कि इससे उनकी और जिम्मेवारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि बुढ़ापहाड़ क्षेत्र में भी अरविंद सहित उसके संगठन के खिलाफ ऑपरेशन किया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ चुनौती खत्म नहीं हुई है। हम सजग हैं और हाल ही में इंटर स्टेट ऑपरेशन छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ की गई है। नक्सलियों का मनोबल गिरा है। उनकी कमर टूटी है। उसी का नतीजा है कि गढ़वा में अबतक का सबसे बड़ा नक्सली नितांत ने हाल ही में आत्मसमर्पण किया। उनका प्रयास है कि पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर संबंध हो। पुलिस के काम काज ठीक रहेंगे, तो लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। यह काम हम लगातार कर रहे हैं। जब इंसाफ होता है या न्याय होता है तो पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता है। काम अच्छे होते हैं, तो लोगों का विश्वास और सुरक्षा का भाव बढ़ता है।

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