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एक्वीनोक्स का सूर्योदय आज, दिन और रात होगा बराबर

शनिवार को एक्वीनोक्स होगा। इसे सम दिवारात्रि भी कहते हैं। इस तिथि को दिन और रात बराबर होते हैं। एक्वीनोक्स के बाद सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर यात्रा शुरू करेगा। हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड में...

एक्वीनोक्स का सूर्योदय आज, दिन और रात होगा बराबर
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 23 Sep 2017 01:01 AM
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शनिवार को एक्वीनोक्स होगा। इसे सम दिवारात्रि भी कहते हैं। इस तिथि को दिन और रात बराबर होते हैं। एक्वीनोक्स के बाद सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर यात्रा शुरू करेगा। हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड में एक्वीनोक्स का सूर्योदय देखने खगोलप्रेमी जुटेंगे। हजारीबाग के मेगालिथ संस्कृति के विशेषज्ञ शुभाशीष दास ने इस एक्वीनोक्स प्वाइंटर की पहचान की है। करीब दो दशक से लोग साल में दो बार 21 मार्च और 23 सितंबर को देखने जुटते हैं। हालांकि यह तिथि सौर सारणी के अनुसार एक दो दिन आगे बढ़ता रहता है। एक्वीनोक्स यानी सम दिवा रात्रि एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। देखा जाए तो इस दिन के बाद में मौसम मे भी काफी परिवर्तन होने लगते हैं।
मान्यता है कि प्राचीन मानव जब कैलेंडर आदि का प्रचलन नहीं था तब एक खास जगह से सूर्योदय को निहारा करते थे। जब सूर्य सीध में उगता हुआ दिखता था तो उस दिन से वे आगे की योजना बनाते थे और माकूल मौसम के अनुसार पलायन करते थे। क्या है विशेषता:पंकरी बरवाडीह में दो महापाषण वी आकार में इस तरह रखे गए हैं जो कंपास से सटीक पूरब को दिखाते हैं। एक्वीनोक्स के दिन भी यहां सूर्य सटीक पूरब में दिखते हैं।
देश विदेश के कई खगोलप्रेमी कर चुके हैं दौरा
पंकरीबरवाडीह देखने के लिए देश विदेश कई लोग आ चुके हैं। इनमें जर्मनी की ड्रेसडेन म्यूजियम की निदेशक मिस लीडिया, बिट्रेन के एंटनी राबर्ट क्रेरार, यूरोपीय यूनियन के फिलिप और गिरा ग्राटिएर दंपती समेत दक्षिण भारत के मेगालिथ विशेषज्ञ यहां का दौरा कर चुके हैं। पंकरीबरवाडीह पर खोज जारी है। इसकी विशेषता पर नेशनल ज्योग्राफी चैनल पर एक कार्यक्रम का प्रसारण किया गया है।

पंकरीबरवाडीह समेत झारखंड के अन्य मेगालिथिक स्थल काफी विशेषता रखते हैं। इसे विदेश के विद्वानों ने माना है। हालांकि झारखंड सरकार की किताबों में अब इसे पढ़ाया जाने लगा है। पर इसके संरक्षण की जरूरत है।
शुभाशिष दास , मेगालिथ खोजकर्ता, हजारीबाग

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