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पर्यावरण कुशल नियोजन से होगा सतत विकास: श्रीवास्तव

जीवन को बेहतर बनाने के लिए बायो टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण आयाम है। इसके जरूरी है कि विकास की योजनाएं पर्यावरणीय हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएं। ये विचार उभरकर आए वीमेंस कॉलेज के बॉटनी विभाग की...

पर्यावरण कुशल नियोजन से होगा सतत विकास: श्रीवास्तव
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSun, 25 Jun 2017 02:06 AM
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जीवन को बेहतर बनाने के लिए बायो टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण आयाम है। इसके जरूरी है कि विकास की योजनाएं पर्यावरणीय हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएं। ये विचार उभरकर आए वीमेंस कॉलेज के बॉटनी विभाग की ओर से बायोटेक्नोलॉजी पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में। ‘भारत में जैव प्रौद्योगिकी की संभावनाएं और मुद्दे, पर आयोजित इस दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन शनिवार को हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ केके नाग समेत देश के विभिन्न हिस्सों से जुटे प्रतिभागी मौजूद थे। डॉ केके नाग ने झारखंड में मौजूद औषधीय पौधों की चर्चा करते हुए, इनके संरक्षण पर जोर दिया। पहले तकनीकी सत्र में रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीन साइंस डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने शहरी आधारभूत संरचना में बायो टेक्नोलॉजी की उपयोगिता पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि शहरी आधारभूत संरचना के विकास में पर्यावरण कुशल नियोजन (ईको इफिशिएंट प्लानिंग) को ध्यान में रखना होगा। अगर इसकी अनदेखी हुई, तो विकास दीर्घकालिक नहीं होगा। इसकी क्रम में उन्होंने अर्बन मेटाबॉलिज्म (शहरी चयापचय) का जिक्र किया, जो विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के 17 लक्ष्य का भी जिक्र किया, जो पारिस्थितिकी संतुलन को ध्यान में रखते हुए तय किए गए हैं। पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो आईएस दुआ ने बच्चों के विकास में मां के जीन (वंशाणु) की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मां का जीन बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कई उदाहरणों के जरिए इसको रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। विनोबा भावे विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो कुनुल कांदिर ने औषधीय पौधों से होनेवाले लाभ की जानकारी दी। आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो विकास दास ने आम के फलों पर कीट के प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फ्लाई पेस्ट के संक्रमण के कारण भारत के आम बहुत देशों में प्रतिबंधित हैं। संगोष्ठी में 40 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति और पोस्टर प्रस्तुति देनेवाली छात्राओं को प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ एके चौधरी, कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ मीना सहाय, डॉ इच्छा पूरक, डॉ सुषमा दास गुरु, डॉ कुमारी स्वर्णिम, डॉ किरण तिवारी, डॉ इंदिरा पाठक समेत अन्य शिक्षिकाएं व प्रतिभागी मौजूद थे।

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