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मापतौल चैनल से नंबर जुगाड़ता था साइबर गैंग

जगन्नाथपुर में पकड़े गए 21 जालसाज ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को अपना निशाना बनाते थे। कर्नाटक के उड़पी निवासी मोहन भट्ट ने इस गिरोह के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज करायी थी। मोहन ने पुलिस को बताया कि...

मापतौल चैनल से नंबर जुगाड़ता था साइबर गैंग
वरीय संवाददाता,रांचीThu, 20 Jul 2017 02:49 PM
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जगन्नाथपुर में पकड़े गए 21 जालसाज ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को अपना निशाना बनाते थे। कर्नाटक के उड़पी निवासी मोहन भट्ट ने इस गिरोह के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज करायी थी। मोहन ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मापतौल चैनल के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग की थी। ऑनलाइन शॉपिंग चैनल से फोन नंबर व अन्य जानकारी गिरोह के सदस्यों ने जुटायी।
इसके बाद उन्होंने इनाम में सफारी गाड़ी निकलने की बात कह पार्सल और टैक्स के तौर पर 1.42 लाख रुपये की मांग की। पैसे देने के बाद आरोपियों ने मोबाइल उठाना बंद कर दिया। ऐसे में उन्होंने इस मामले की शिकायत चिकमंगलूर थाने में दर्ज करायी। एफआईआर दर्ज होने के बाद से वहां के टाउन थाने की पुलिस ने संबंधित मोबाइल नंबरों का डिटेल निकाला। मोबाइल लोकेशन रांची का आया। जिसके बाद वहां की पुलिस रांची आयी।
साइबर समेत अलग-अलग तरीके से करते थे ठगी
हटिया डीएसपी विकास पांडेय ने कहा कि चिकमंगलूर में गिरोह सदस्यों के खिलाफ 419 और 420 के तहत एक केस दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार अपराधी लोगों को फोन करके या और किसी माध्यम से संपर्क कर गाड़ी या कोई और चीज का प्रलोभन देकर फंसाया करते थे। कुछ लोगों को फोन कर कहा जाता था कि आपको इनाम में टाटा सफारी निकली है। इनाम की टाटा सफारी देने के नाम पर यह एकाउंट में डेढ़ लाख या उससे अधिक पैसे मंगवाते थे। आईपीएस अधिकारी की पत्नी से भी ऐसे ही पैसे ठगे गए थे। पैसे मिलने के बाद ये मोबाइल बंद कर देते थे। हटिया डीएसपी ने कहा कि अपराधियों को पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर चिकमंगलूर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि पकड़े गए 20 में से 19 अपराधी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के हैं। एक अपराधी बिहार का है। उन्होंने कहा कि बिहार का अपराधी बेंगलुरु में दस साल तक काम कर चुका है। वहीं कर्नाटक पुलिस के सब इंस्पेक्टर रघु ने कहा कि चिकमंगलूर टाउन पुलिस स्टेशन पर मोहन भट्ट नाम के एक व्यक्ति ने ठगी की शिकायत की थी। उसी केस में यह कार्रवाई की गई है।
12 हजार रुपए महीना पर काम करते थे जालसाज
रांची। गिरफ्तार युवकों से जगन्नाथपुर थाने में हटिया डीएसपी विकास पांडेय व चिकमंगलूर पुलिस के एसआई रघु ने पूछताछ की। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि दो-तीन माह पूर्व सभी रांची आए थे। उनका सरगना बिहारशरीफ का कालू सिंह है। कालू ने ही पटेलनगर में भज्जू लाल का मकान किराए पर लिया था। इसके बाद यहां से ठगी का धंधा संचालित होता था। पैसे ठगने के लिए उसने सभी को 12 हजार रुपए वेतन पर रखा था। वेतन कालू सिंह ही दिया करता था। आरोपियों ने बताया कि बुधवार को भी कालू सिंह पटेलनगर स्थित मकान में ही था, लेकिन छापेमारी के आधे घंटे पहले वहां से निकल गया था।
लैपटॉप के बहाने और एटीएम पिन पूछ कर करते हैं ठगी
हैदराबाद के रहनेवाले अपराधी टेकचंद ने बताया कि गिरोह के सदस्य नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी करते थे। नौकरी के फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी सदस्य भेजते थे। एटीएम कार्ड खराब होने की बात कहकर, बैंक एकाउंट बंद होने की बात कहकर भी एटीएम की डिटेल्स लेकर साइबर क्राइम करते हैं। ये बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनाकर भी लोगों से पैसे ठग चुके हैं। अब तक सौ से अधिक लोगों से पैसे ठगी की बात स्वीकारी है। अस्पतालों से मरीजों का पता लगाकर दवा मुहैया कराने का झांसा देकर भी मोटी रकम ठगी जाती थी।  

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