ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंड लोहरदगादिसंबर तक झारखंड से नक्सलवाद का हो जाएगा सफाया : डीजीपी

दिसंबर तक झारखंड से नक्सलवाद का हो जाएगा सफाया : डीजीपी

राज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय ने कहा है कि पुलिस झारखंड से दिसंबर 2017 तक नक्सलवाद का खात्मा कर देगी। सीआरपीएफ का बहुत सहयोग रहा है। पर अब वक्त आ गया है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी खुद उठाए, अपनी...

दिसंबर तक झारखंड से नक्सलवाद का हो जाएगा सफाया : डीजीपी
हिन्दुस्तान टीम,लोहरदगाMon, 18 Sep 2017 11:12 PM
ऐप पर पढ़ें

राज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय ने कहा है कि पुलिस झारखंड से दिसंबर 2017 तक नक्सलवाद का खात्मा कर देगी। सीआरपीएफ का बहुत सहयोग रहा है। पर अब वक्त आ गया है कि पुलिस अपनी जिम्मेदारी खुद उठाए, अपनी लड़ाई खुद लड़े। डीजीपी लोहरदगा में अपराध अनुसंधान सह अभियोजन इकाई की शुरुआत कर रहे थे। उन्होंने अनुसंधान अधिकारियों की दो दिनी कार्यशाला के शुरुआती सत्र को संबोधित किया। मौके पर एडीजी ला एंड आर्डर आरके मल्लिक, एडीजी सीआइडी अजय कुमार सिंह, आइजी नवीन कुमार सिंह, निरंजन प्रसाद भी मौजूद थे।डीजीपी ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में गोलियों की कमी नहीं होने देंगे। एक की जगह सौ गोली दुश्मन पर ठोंके। उसे नेस्तनाबूद करना है। अधिकारियों और जवानों का हौसला यह कहकर बढ़ाया कि वह उन्हें भी एक सिपाही के रूप में अपने साथ खड़ा समझें। लड़ाई के मैदान में कोई डीजी और कोई सिपाही नहीं, सभी योद्धा हैं। हमें टीम भावना से काम करना है। इस युद्ध के साथ पुलिस के सामने एक और युद्ध है। वह यह कि उग्रवाद-अपराध के मामलों में जब आप किसी को गिरफ्तार करते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि वह जेल से बाहर ना आ पाए। इसके लिए वक्त के साथ आईटी, कंप्यूटर और साइबर तकनीक की पूरी जानकारी रखें। अधिकारी खुद को अपडेट करें। राज्य से नक्सलवाद खत्म करने के लिए मिशन 200 लॉन्च किया गया है। इसमें थाना प्रभारी से लेकर इंस्पेक्टर, एसडीपीओ सभी अधिकारी प्रशिक्षण उपरांत अपनी सैट टीम के साथ हर वक्त अलर्ट रहेंगे। सूचना मिलते ही दुश्मन पर टूट पड़ेंगे।थाना प्रभारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करने की ताकीद करते हुए डीजीपी ने उनका हौसला बढ़ाया। कहा कि आप अपने थाना क्षेत्र के डीजी खुद हैं। पेशरार में सुरक्षा और विकास के लिए क्या करने की जरूरत है, यह वहां के थाना प्रभारी को तय करना है। पुलिस जवान और अधिकारियों को शेर की संज्ञा देते हुए कहा कि आपको अपनी क्षमता को पहचानने की जरूरत है। केस जल्दी सुलझेंगे तो जनता का भरोसा बढ़ेगा लोहरदगा में अनुसंधान अधिकारियों के ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की सराहना करते हुए डीजी ने कहा की 103 में से हर दिन चार अनुसंधानकर्ता यहां आकर केस के संदर्भ में चर्चा करें, राय लें तो केस जल्दी सुलझेंगे, अपराधी को सजा होगी। आपकी कलम, कागज, केस डायरी, बंदूक और वाहन आपको अजेय बनाएंगे। पुलिस की कार्यकुशलता बढ़ेगी : एडीजी एडीजी सीआईडी अजय कुमार सिंह ने लोहरदगा में पुलिस अनुसंधान केंद्र शुरू होने की सराहना करते हुए कहा कि इससे पुलिस की कार्य कुशलता बढ़ेगी। जनता का भरोसा मजबूत होगा। पुलिस, पब्लिक, प्रॉसिक्यूशन और पनिशमेंट का जुड़ाव हुआ : डीसी उपायुक्त विनोद कुमार ने लोहरदगा में पुलिस अनुसंधान केंद्र शुरू होने को करो और सम्मान का विषय बताया। डीसी ने कहा की पुलिस, पब्लिक, प्रॉसिक्यूशन और पनिशमेंट यह चार पी एक साथ मिल जाएं, तो कामयाबी मिल कर रहेगी। लोहरदगा में अपराध अनुसंधान बेहतर होगा। डिजिटाइज्ट पुलिसिंग से सजा दिलाने की दर बढ़ेगी : एसपी पुलिस कप्तान कार्तिक एस ने आशा जतायी कि अनुसंधान केंद्र शुरू होने से पुलिस की कार्यकुशलता बढ़ेगी। अपराधियों को सजा दिलाने का प्रतिशत 62.5 से बढ़कर सौ फीसदी हो जाएगा। एसपी ने कहा कि डिजिटाइज्ड पुलिसिंग एक क्रांतिकारी कदम है। 15 दिन में 12 सॉफ्टवेयर तैयार किए गए हैं। इसमें से आठ का उपयोग शुरू हो गया है। नागरिक केंद्रित सेवा प्रणाली विकसित की गई है। इसमें थाना आने वाले हर व्यक्ति से पुलिस की सेवा का फीडबैक लिया जाएगा। यह राइट टू सर्विस एक्ट के तहत है। पुलिस की सेवा से संतुष्ट नहीं होने वाले खुलकर अपनी बातें कर सकते हैं। अपराधियों का 360 डिग्री डाटा डिजिटल रूप में उपलब्ध है। एक सॉफ्टवेयर के उपयोग से उसके बारे में पूरी जानकारी संबंधित पुलिस अधिकारी के पास उपलब्ध होगी। आर्म्स डिस्ट्रीब्यूशन रजिस्टर भी डिजिटाइज्ड कर लिया गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें