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लोहरदगा में एम्बुलेंस सहित चार लोग कोयल नदी में बहे

लोहरदगा-बेड़ो मुख्य मार्ग पर स्थित सिठियो सेरेंगहातू से गुजरनेवाली दक्षिण कोयल नदी में पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के डुमरी निवासी 55 वर्षीय गोपाल प्रसाद का पूरा परिवार एंबुलेंस समेत बह गया। इस घटना...

लोहरदगा में एम्बुलेंस सहित चार लोग कोयल नदी में बहे
हिन्दुस्तान टीम,लोहरदगाThu, 27 Jul 2017 02:20 AM
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लोहरदगा-बेड़ो मुख्य मार्ग पर स्थित सिठियो सेरेंगहातू से गुजरनेवाली दक्षिण कोयल नदी में पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के डुमरी निवासी 55 वर्षीय गोपाल प्रसाद का पूरा परिवार एंबुलेंस समेत बह गया। इस घटना में गोपाल की पत्नी शांति देवी, बेटा कौशल और 18 साल की बेटी आभा प्रिया का कोई अता-पता नहीं है। गोपाल के दामाद किसी तरह तैरकर बाहर निकले और जान बची। एसडीओ राज महेश्वरम, इंस्पेक्टर जेपीएन चौधरी और थाना प्रभारी जगन्नाथ उरांव ने बताया कि सुबह करीब आठ बजे सिठियो से करीब बीस किमी दूर कोरांबे पुल के पास एक लाश बहती देखी पर नदी का प्रवाह अधिक होने के कारण उसे नहीं निकाला जा सका। जानकारी के अनुसार गोपाल प्रसाद चैनपुर के सेमरा हाईस्कूल में हेडमास्टर थे। मंगलवार को दिन में उन्हें लकवा मार दिया था। उन्हें पलामू सदर अस्पताल की एंबुलेंस (बोलेरो गाड़ी) से पत्नी, बेटा-बेटी और दामाद राकेश रजक लोहरदगा होते हुए इलाज के वास्ते रांची के आर्किड अस्पताल ले जा रहे थे। रात करीब बारह बजे पुल के ऊपर से पानी बहना शुरू हो गया था। एंबुलेंस बीच पुल में पहुंचने पर बंद हो गई। ड्राइवर संतोष पानी का बहाव बढ़ते देख नीचे उतरा और पांच मिनट में रस्सी लेकर आते हैं कहकर मौके से भाग गया। इंतजार करते हुए दामाद राकेश ने फैसला लिया कि अब अपने ससुर को छोड़कर साली और सास को किसी तरह निकालते हैं। इसी दौरान राकेश बह गया। दो किमी दूर तैरते हुए वह कहीं निकला। इसके बाद घटना की जानकारी फोन पर चैनपुर के डुमरी स्थित अपनी पत्नी सविता भारती को दी। घटना के बारे में परिवारवाले सभी रोने लगे। गोपाल प्रसाद डाटम स्कूल में शिक्षक थे। इस दौरान कौशल किशोर, आभा प्रिया और शांति देवी बचाने के लिए चीख-पुकार करते रहे। यह करीब सुबह छह बजे तक चलता रहा। पुलिस तो पहुंची पर आपदा प्रबंधन का इंतजाम नहीं था। सेरेंगहातू बस्ती में आकर रस्सी ढूंढ रही थी। काफी लोग फोटो उतारने में थे और तीनों मां-बेटी चीखते हुए पानी के तेज बहाव का हिस्सा बन गये। पुलिस इसके बाद नदी के किनारे कई किमी दौड़ती रही पर नदी में करीब चालीस फीट गहराई और डेढ़ सौ फीट चौड़ाई वाली हहराती नदी चारों को बोलेरो समेत कहां ले गई इसका समाचार लिखे जाने तक कोई पता नहीं है। राकेश का कहना है कि घटना के लिए सिर्फ और सिर्फ ड्राइवर जिम्मेदार है। उसने पूरे परिवार को मौत के मुंह धकेल दिया।

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